#अपराध
October 10, 2025
दिल्ली में 80 लाख की चरस के साथ दो धरे, हिमाचल से खरीदी थी- युवाओं को करनी थी सप्लाई
आरोपियों का हिमाचल नाता, एक आरोपी 23 माह की काट चुका है जेल
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नई दिल्ली/शिमला। हिमाचल प्रदेश में चोरी छिपे बड़े पैमाने की पैदावार की जाती है। हिमाचल की चरस सबसे उत्तम किस्म की होने के चलते नशा तस्करी के बाजार में इसकी काफी डिमांड भी है। प्रदेश के बाहरी राज्यों से भी कई बड़े नशा तस्कर हिमाचल से चोरी छिपे चरस खरीद कर अपने राज्य में सप्लाई करते हैं। ऐसे ही एक बड़े अंतरराज्यीय नशा तस्कर गिरोह का दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश किया है।
दरअसल दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर एक ऑपरेशन के दौरान 2.070 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाली चरस बरामद की है। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 80 लाख रुपये आंकी गई है। इस कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनका नेटवर्क हिमाचल के पहाड़ी इलाकों से शुरू होकर दिल्ली के युवाओं तक फैला हुआ था।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी सागर सेजवाल और मनोज संसनवाल हिमाचल प्रदेश से चरस लाकर दिल्ली में इसकी सप्लाई का काम करते थे। त्योहारों और आयोजनों के दौरान राजधानी में ड्रग्स की मांग बढ़ने पर इन दोनों ने हिमाचल से खुद चरस लाने का फैसला किया था। आरोपियों के पास से एक टाटा नेक्सन कार भी जब्त की गई है, जिसका इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जा रहा था।
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दिल्ली पुलिस को 8 अक्टूबर को गुप्त सूचना मिली थी कि दोनों आरोपी चरस की खेप लेकर दिल्ली पहुंचने वाले हैं। एसीपी संजय कुमार नागपाल की देखरेख में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने सिंघु बॉर्डर पर ऑपरेशन चलाकर दोनों को कार सहित गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में 2ण्070 किलोग्राम चरस बरामद की गई।
मुख्य आरोपी सागर सेजवाल का हिमाचल प्रदेश से पुराना नाता है। वर्ष 2017 में वह एनडीपीएस अधिनियम के तहत चरस तस्करी में गिरफ्तार हुआ था और 23 महीने तक जेल में रहा। 2019 में रिहा होने के बाद उसने फिर से तस्करी का धंधा शुरू कर दिया। पुलिस की निगरानी से बचने के लिए वह वाहकों का इस्तेमाल करता था, लेकिन दिसंबर 2024 में बढ़ती मांग के चलते उसे खुद हिमाचल जाकर चरस लानी पड़ी।
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दूसरा आरोपी मनोज संसनवाल दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और दो बच्चों का पिता है। वह 2020 में सागर के संपर्क में आया। शुरू में केवल सेवनकर्ता था, लेकिन बाद में तस्करी में शामिल हो गया। पुलिस के अनुसार वह कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया और IIT दिल्ली के छात्रों को नशे की सप्लाई करता था। मनोज का भी आपराधिक रिकॉर्ड है और वह पहले जबरन वसूली के एक मामले में शामिल रह चुका है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार हिमाचल के ऊपरी इलाकों में चरस की खेती और तस्करी की गतिविधियां लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। राज्य से निकलने वाली नशे की खेप दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर सप्लाई की जा रही है। त्योहारी सीजन में इसकी मांग कई गुना बढ़ जाती है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 20/29 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस तस्करी के बड़े नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस के डीसीपी (क्राइम) संजीव कुमार यादव ने कहा कि, “यह केवल दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक बड़े सप्लाई चैन को तोड़ने की शुरुआत है। जांच में और लोगों की भूमिका सामने आने की संभावना है।”