#अपराध
November 18, 2025
हिमाचल की शादी में चोर बाराती- दुल्हन की गाड़ी का पीछा कर उड़ाए गहने, पुलिस ने पकड़ा मास्टरमाइंड
मोबाइल फोन का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करते थे- सभी संपर्क वॉकी-टॉकी से ही होता था
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में हुई बारात की गाड़ी से सोने के गहने चोरी की सनसनीखेज वारदात में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह केस शुरुआती तौर पर सामान्य चोरी जैसा लगा था, लेकिन जांच आगे बढ़ी तो पूरा घटनाक्रम एक संगठित और तकनीकी तौर पर बेहद चालाक गैंग की करतूत के रूप में सामने आया।
यह गिरोह मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूरी तरह बंद रखकर सिर्फ वॉकी-टॉकी सेट्स के सहारे आपस में संपर्क करता था, ताकि पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस न कर सके। यही नहीं, वारदात के दौरान वाहन पर नंबर प्लेट भी नहीं लगाई जाती थी, जिससे पहचान और मुश्किल हो जाए।
SP सिरमौर एन.एस. नेगी ने बताया कि पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल चोरी मामले में जिस आरोपी को पकड़ा है, वह नीतीश कुमार है, जो मध्य प्रदेश के कडिया गांव का रहने वाला है। खास बात यह कि नीतीश को सिरमौर पुलिस वर्ष 2015 में भी पंजाब के भटिंडा से गिरफ्तार कर चुकी है। बाद में वह घोषित अपराधी के रूप में फरार हो गया था। पुलिस को इस बार भी उसके पास से वॉकी-टॉकी सेट्स मिले हैं, जिनका गैंग लगातार इस्तेमाल करता रहा।
मामला 10 नवंबर का है। क्यारदा क्षेत्र से एक बारात हरियाणा के बराड़ा गई थी। कार्यक्रम के बाद शाम करीब 6 बजे बारात वापस लौट रही थी। धौलाकुआं में चाय के लिए एक छोटा पड़ाव लिया गया, और इसी दौरान बारात की गाड़ी से सोने के गहने चोरी कर लिए गए। शादी के माहौल में किसी ने अंदाजा तक नहीं लगाया कि गहनों पर किसी की नजर है। जब गाड़ी दोबारा चली, तभी चोरी का पता चला। इसी आधार पर माजरा थाने में मामला दर्ज हुआ।
वारदात की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की। इसमें साइबर सेल के मुख्य आरक्षी अमरेंद्र सिंह, माजरा थाना के मुख्य आरक्षी संगीत कुमार और आरक्षी गुरदीप सिंह शामिल थे।
टीम ने इलाके और रास्तों के हर संभव सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज और अन्य तकनीकी विश्लेषण से यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि संदिग्ध लोग बराड़ा से ही बारात का पीछा कर रहे थे। यहां तक कि वे शादी समारोह में भी मौजूद थे, ताकि सही वक्त देखकर वारदात को अंजाम दिया जा सके।
पुलिस टीम ने हरियाणा के कई क्षेत्रों में तकनीकी आधार पर जाल बिछाया और अंततः आरोपी की पहचान नीतीश कुमार के रूप में की गई। गैंग जिस वाहन का इस्तेमाल कर रहा था UP 80FF3822 उसे भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया।
नीतीश को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस का मानना है कि यह गैंग कई जगहों पर इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे चुका है। रिमांड के दौरान उसके नेटवर्क, साथियों और अन्य चोरी की घटनाओं के बारे में और अहम जानकारियां मिलने की संभावना है।
इस गैंग की सबसे खास बात यही है कि वारदात के समय मोबाइल फोन का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करते थे। सभी संपर्क वॉकी-टॉकी से ही होता था, जिससे उनकी लोकेशन का कोई डिजिटल निशान मोबाइल टावरों पर दर्ज न हो सके।
इसके अलावा, चोरी के दौरान इस्तेमाल होने वाले वाहन पर नंबर प्लेट नहीं लगाई जाती थी। इसके बावजूद सिरमौर पुलिस ने बेहद पेशेवर तरीके से फुटेज, तकनीकी डाटा और मानव खुफिया सूचना के आधार पर आरोपी को धर दबोचा।
पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि यह गैंग प्रदेश और अन्य राज्यों में हुई चोरी की अन्य घटनाओं में भी शामिल रहा है या नहीं। कई वारदातों का पैटर्न इस गिरोह से मेल खाता दिखाई दे रहा है। इस गिरफ्तारी के बाद उम्मीद है कि जल्द ही कई और चोरी मामलों से पर्दा उठेगा। सिरमौर पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी दक्षता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून से बच नहीं सकता।