#अपराध
October 5, 2025
हिमाचल : बिना घर से निकले 'मैडम जी' की स्कूल रजिस्टर में लगी हाजिरी, हुई सस्पेंड
TGT शिक्षिका पर गिरी सस्पेंशन की गाज
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के सरकारी स्कूल से शिक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एक महिला शिक्षिका को फर्जी अटेंडेंस दर्ज करने के आरोप में निलंबित (सस्पेंड) कर दिया है।
यह मामला शिमला के मैफिल्ड स्कूल से जुड़ा है, जहां तैनात TGT (नॉन-मेडिकल) शिक्षिका अनिता कुमारी पर उपस्थिति दर्ज करने में गड़बड़ी करने का आरोप सिद्ध हुआ है। यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग की एक निरीक्षण टीम कुछ दिन पहले अचानक मैफिल्ड स्कूल पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि शिक्षिका अनिता कुमारी की हाजिरी रजिस्टर में नियमित रूप से दर्ज की जा रही थी, जबकि वे पिछले कुछ दिनों से स्कूल में अनुपस्थित थीं।
अधिकारियों को शक हुआ तो विभागीय स्तर पर तत्काल जांच शुरू की गई। जांच में यह बात साफ हो गई कि शिक्षिका की अटेंडेंस बिना उपस्थिति के दर्ज की जा रही थी। यानी उनकी हाजिरी फर्जी तरीके से लगाई जा रही थी।
मामला सामने आते ही निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, आशीष कोहली ने इस पर कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि शिक्षिका के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है।
साथ ही, विभाग ने मामले की गहन जांच के आदेश भी जारी किए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल था। सस्पेंशन के बाद शिक्षिका अनिता कुमारी का हेडक्वार्टर ठियोग के शहमल हाई स्कूल में निर्धारित किया गया है।
शिक्षा विभाग के आदेशों के अनुसार, वह बिना अनुमति वहां से कहीं नहीं जा सकेंगी। विभाग ने साफ किया है कि जांच पूरी होने तक वह किसी भी शिक्षण कार्य में हिस्सा नहीं लेंगी। इस कार्रवाई पर निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि “फर्जी तरीके से अटेंडेंस दर्ज करना गंभीर अपराध है।
शिक्षिका अनिता कुमारी को सस्पेंड कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिन शिक्षकों में लापरवाही पाई जाएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
इस घटना के बाद शिक्षा विभाग ने शिमला समेत अन्य जिलों के सरकारी स्कूलों में निरीक्षण व्यवस्था और बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को और सख्त करने का निर्णय लिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, कई स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही और रिकॉर्ड में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार मिल रही थीं, जिन पर अब नजर रखी जाएगी।
मैफिल्ड स्कूल में सामने आए इस फर्जीवाड़े ने स्थानीय अभिभावकों और विद्यार्थियों के बीच भी चर्चा छेड़ दी है। अभिभावक संगठन इस कदम का समर्थन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि शिक्षा विभाग स्कूलों में नियमित रूप से आकस्मिक निरीक्षण जारी रखे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।