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October 4, 2025
सुक्खू सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे पेंशनर, DA- एरियर को लेकर दी आंदोलन की चेतावनी
सुक्खू सरकार के खिलाफ 14 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन करेंगे पेंशनर
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शिमला। आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल की सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। एक तरफ जहां पेंशनरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में पशु स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली मोबाइल वैटर्नरी यूनिट के कर्मचारियों ने भी हड़ताल पर जाने का फैसला ले लिया है। इन कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है।
हिमाचल प्रदेश के पेंशनरों ने अब सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समय पर पेंशन न मिलने, 2016 से लंबित एरियर, मेडिकल बिलों का भुगतान न होने और महंगाई भत्ते (DA) की अदायगी टलने से नाराज पेंशनरों ने 14 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया है। इसके लिए ज्वाइंट पेंशनर फ्रंट हिमाचल प्रदेश ने रणनीति तैयार कर ली है।
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शिमला में हुई बैठक के बाद ज्वाइंट पेंशनर फ्रंट के अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पेंशनरों को समय पर पेंशन नहीं मिल रही। खासकर एचआरटीसी (HRTC) के पेंशनरों की स्थिति बेहद खराब है। इन्हें तो पिछले कई महीनों से महीना खत्म होने के बाद भी पेंशन नहीं मिल रही है, जिससे परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। पेंशनरों का कहना है कि नए वेतनमान का एरियर 2016 से लंबित है और सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। मेडिकल बिलों का करोड़ों रुपये का भुगतान भी अटका हुआ है। ऐसे में बुजुर्ग पेंशनरों को इलाज कराने तक में दिक्कत पेश आ रही है।
आत्मा राम शर्मा ने कहा कि सरकार ने मई 2024 में 3 फीसदी महंगाई भत्ता देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक उसे लागू नहीं किया गया। पेंशनरों का कहना है कि कुल 16 प्रतिशत DA बकाया है। कई बार सरकार को मांगपत्र दिए गए, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला।
आत्मा राम शर्मा ने कहा कि सरकार बार-बार हमारी अनदेखी कर रही है। अब पेंशनरों का सब्र टूट चुका है और हम 14 अक्टूबर को सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। वहीं पेंशनरों के दूसरे गुट ज्वाइंट एक्शन कमेटी हिमाचल प्रदेश ने भी इन्हीं मुद्दों को लेकर 17 अक्टूबर को धरने-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। यानी अक्टूबर में सरकार को लगातार दो मोर्चों पर पेंशनरों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
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हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों के लिए सरकार ने मोबाइल वैटर्नरी यूनिट सेवा शुरू की थी। लेकिन मोबाइल वैटर्नरी यूनिट में तैनात कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। जिसमें डॉक्टर, पैरावेट, ड्राइवर और प्रबंधन स्टाफ शामिल है। तीन माह से वेतन ना मिलने से अब यह लोग भी सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। जिससे प्रदेशभर में पशु चिकित्सा सेवाएं ठप्प हो सकती हैं।