#अपराध

April 8, 2025

हिमाचल : ज्यादा पैसे कमाने के लालच ने किया बर्बाद, ऑनलाइन एप पर गंवाए पांच लाख रुपए

व्यक्ति ने एप को शेयर मार्केट से जुड़ा एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म समझा

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Online App Fraud

सोलन। हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला सामने आया है सोलन जिले के परवाणु थाना क्षेत्र से, जहां एक व्यक्ति से एक फर्जी एप के माध्यम से करीब 4.90 लाख रुपये की ठगी की गई है। शिकायतकर्ता ठियोग तहसील के कियार गांव के रहने वाले अरुण शर्मा हैं, जिन्होंने जनवरी 2025 में 'निजी सिक्योरिटी लिमिटेड' नामक एक एप के माध्यम से यह निवेश किया था।

एप पर हुआ भरोसा, निवेश बन गया जाल

अरुण शर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने उक्त एप को शेयर मार्केट से जुड़ा एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म समझा। एप में दिए गए यूजर इंटरफेस और रिटर्न के वादों ने उन्हें प्रभावित किया और उन्होंने यूपीआई के माध्यम से 4.36 लाख रुपये निवेश कर दिए। यह पैसा उन्होंने चरणबद्ध तरीके से, यानी किश्तों में, एप पर ट्रांसफर किया।

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रकम बनी 10.88 लाख, लेकिन नहीं मिली एक भी किश्त

निवेश के कुछ हफ्तों बाद अरुण को एप में दिखाए जा रहे रिटर्न में उनकी कुल रकम 10.88 लाख रुपये हो गई थी। इसे देखकर उन्हें उम्मीद जगी कि उनका निवेश सही दिशा में जा रहा है। लेकिन जैसे ही उन्होंने फरवरी के अंत में पैसा निकालने की कोशिश की, एप ने पेआउट प्रोसेस का दिखावा किया परंतु उनके बैंक अकाउंट में कोई राशि ट्रांसफर नहीं हुई।

कस्टमर केयर ने मांगे और पैसे

जब अरुण शर्मा ने कंपनी के कस्टमर केयर पर कॉल किया तो उन्हें बताया गया कि ट्रांजैक्शन पूरा करने के लिए उन्हें 54,000 रुपये और जमा करवाने होंगे। बिना किसी संदेह के उन्होंने यह रकम भी जमा कर दी। लेकिन इसके बाद एप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और उनका संपर्क कंपनी से कट गया। यहीं से उन्हें संदेह हुआ कि शायद उनके साथ साइबर धोखाधड़ी हो चुकी है।

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पुलिस में शिकायत, मामला दर्ज

ठगी का आभास होते ही अरुण शर्मा ने तुरंत थाना परवाणु में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। सोलन के एसपी गौरव सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

कैसे करते हैं ऐसे एप शिकार?

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे फर्जी एप अकसर खुद को वैध फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर बताकर गूगल प्ले स्टोर या थर्ड पार्टी साइट्स पर लिस्ट करते हैं। इनके भीतर शेयर मार्केट या क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट जैसे विकल्प दिए जाते हैं और शुरुआती लाभ दिखाकर लोगों को निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाता है। शुरुआती मुनाफे की फर्जी रिपोर्टिंग के जरिए इन एप्स में भरोसा पैदा किया जाता है और फिर पैसे निकालने की कोशिश पर ‘प्रोसेसिंग फीस’ या अन्य शुल्क के नाम पर और पैसे ऐंठे जाते हैं।

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ठगी से कैसे बचें?

  • विश्वसनीय एप ही डाउनलोड करें- केवल गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर पर मौजूद प्रमाणिक एप्स का ही उपयोग करें।
  • पंजीकृत कंपनियों पर भरोसा करें- निवेश करने से पहले कंपनी की वेबसाइट, SEBI पंजीकरण और ग्राहक समीक्षाएं जरूर चेक करें।
  • संदेहास्पद कॉल्स और ईमेल से बचें- यदि कोई अनजान नंबर या ईमेल इन्वेस्टमेंट के नाम पर संपर्क करे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
  • पैसा मांगने पर सावधानी बरतें- किसी भी एप या कंपनी द्वारा पेआउट के नाम पर अतिरिक्त भुगतान की मांग एक बड़ा रेड फ्लैग है।

साइबर ठगी का बढ़ता खतरा

हिमाचल प्रदेश में हाल के महीनों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं, जहां आम नागरिक फर्जी लुभावने ऑफर्स और ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट एप्स के चक्कर में लाखों रुपये गंवा रहे हैं। पुलिस विभाग और साइबर सेल लगातार लोगों को जागरूक कर रही है कि वे सतर्क रहें और कोई भी निवेश करने से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल करें।

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सरकार और प्रशासन का रुख

गौरतलब है कि, प्रदेश में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए अब जिला स्तर पर साइबर हेल्पलाइन और विशेष सेल सक्रिय किए जा रहे हैं। आम जनता से अपील की जा रही है कि किसी भी ऑनलाइन लेनदेन या निवेश से पहले पूरी जानकारी और सतर्कता बरतें।

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