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February 4, 2025

हिमाचल : कमरे में मिली KV के अध्यापक की देह, स्कूल से ली थी 6 महीने की मेडिकल लीव

डिप्रेशन में था अध्यापक गोपाल चंद

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Mandi News

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। यहां केंद्रीय विद्यालय संधोल के एक शिक्षक की लाश कमरे में फंदे से लटकी हुई मिली है। इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है।

फंदे से लटका मिला शिक्षक

बताया जा रहा है कि शिक्षक पिछले चार साल से केंद्रीय विद्यालय संधोल में कार्यरत था। पिछले 6 महीने से वो मेडिकल लीव पर था। घटना के एक दिन पहले ही वो वापस संधोल आया था।

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मेडिकल लीव पर गया था घर

मिली जानकारी के अनुसार, अध्यापक बीते शुक्रवार को ही 6 महीने की मेडिकल लीव काट कर दिल्ली से वापस संधोल आया था। संधोल में वो किराये के कमरे में रहता था। पड़ोसियों ने बताया कि रविवार तक भी जब उसने काफी देर तक अपना कमरा नहीं खोला तो उन्हें शक हुआ।

 

उन्होंने दरवाजा खटखटाया और उसे फोन भी किए, लेकिन सामने से उसका कोई जवाब नहीं आया। ऐसे में लोगों ने तुरंत पुलिस को इस बाबत सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से शिक्षक के कमरे का दरवाजा तोड़ा।

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पंखे से लटकी मिली लाश

दरवाजा खुलते ही मौके पर मौजूद सभी लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने पाया कि शिक्षक कमरे में पंखे के हुक से लटका हुआ था। पुलिस टीम ने शिक्षक के शव को पंखे से नीचे उतारा और परिजनों को सूचित कर दिया।

डिप्रेशन का शिकार था अध्यापक

मृतक की पहचान गोपाल चंद (32) के रूप में हुई है- जो कि पूर्वी दिल्ली का रहने वाला था। पुलिस टीम को मृतक के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि अध्यापक डिप्रेशन का शिकार था। फिलहाल, मामले में आगामी जांच-पड़ताल अमल में लाई जा रही है।

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मामले की पुष्टि करते हुए DSP संजीव सूद ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा घटना की छानबीन की जा रही है। शुरुआती जांच में कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और ना ही अभी तक परिजनों ने किसी पर कोई संदेह जाहिर किया है। पुलिस टीम ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल पाएगा।

क्या होता है डिप्रेशन?

डिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति लगातार उदासी, नकारात्मक विचार और निराशा महसूस करता है। यह सिर्फ एक सामान्य उदासी नहीं होती बल्कि यह लंबे समय तक बनी रहने वाली मानसिक स्थिति होती है, जो व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकती है।

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डिप्रेशन के लक्षण

डिप्रेशन के लक्षण व्यक्ति विशेष के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं-

  • लगातार उदासी महसूस करना
  • आत्मविश्वास की कमी
  • आनंद ना आना (जो चीजें पहले पसंद थीं, उनमें रुचि खत्म हो जाना)
  • थकान और कमजोरी महसूस करना
  • नींद में गड़बड़ी (बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना)
  • भूख में बदलाव (अधिक या कम भूख लगना)
  • चिंता और बेचैनी रहना
  • अकारण सिरदर्द, बदन दर्द या अन्य शारीरिक समस्याएं
  • आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने के विचार आना

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डिप्रेशन के कारण

डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें जैविक, मानसिक और सामाजिक कारण शामिल हैं:

  • मस्तिष्क में रसायनिक असंतुलन – सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर की कमी
  • अनुवांशिक कारण – परिवार में किसी को डिप्रेशन होने से जोखिम बढ़ जाता है
  • तनावपूर्ण जीवन घटनाएं – नौकरी का दबाव, रिश्तों में तनाव, आर्थिक समस्याएं
  • अकेलापन और सामाजिक अलगाव
  • शारीरिक बीमारियां – जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, थायरॉइड की समस्या
  • नशे की लत – शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन
  • नींद की कमी और गलत जीवनशैली

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डिप्रेशन से बचाव

डिप्रेशन से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-

  • नियमित व्यायाम करें – योग और मेडिटेशन भी लाभदायक हैं
  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें
  • पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे रोज)
  • सकारात्मक सोच अपनाएं और खुद को व्यस्त रखें
  • परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं
  • नशीले पदार्थों से दूर रहें
  • अगर डिप्रेशन के लक्षण दिखें तो जल्द ही डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक से सलाह लें।

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