#अपराध
March 7, 2025
हिमाचल: मोबाइल की सनक! परिजनों ने छीना फोन तो युवक ने उठाया ऐसा कदम
मोबाइल की लत का अनोखा मामला, युवक घर छोड़कर ही चला गया
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मोबाइल फोन की लत से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। परिजनों द्वारा फोन छीने जाने से नाराज होकर एक युवक घर छोड़कर चला गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसे कांगड़ा बस स्टैंड से सुरक्षित बरामद कर लिया और परिजनों को सौंप दिया। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया है कि मोबाइल की बढ़ती लत युवाओं के पारिवारिक संबंधों को प्रभावित कर रही है।
यह घटना कांगड़ा जिले के देहरा उपमंडल की है, जहां एक युवक अपने घरवालों से नाराज होकर बिना बताए घर से निकल गया। दरअसल, परिवार वालों ने उसकी मोबाइल फोन की लत को देखते हुए उससे फोन छीन लिया था, जिससे वह नाराज हो गया और घर छोड़ने का फैसला कर लिया।
जानकारी के अनुसार, युवक आईटीआई नैहरनपुखर में प्रशिक्षण ले रहा था। वह गत मंगलवार सुबह घर से निकला था लेकिन जब देर शाम तक वापस नहीं लौटा, तो परिजनों को चिंता हुई। उन्होंने उसके दोस्तों और परिचितों से संपर्क किया, तो पता चला कि युवक दरकाटा बाजार में किसी सामान को भेजने के बहाने रुका था, लेकिन उसके बाद लापता हो गया।
युवक के अचानक गायब होने की सूचना मिलते ही परिजनों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत तलाश शुरू की और जांच के दौरान पता चला कि युवक कांगड़ा बस स्टैंड पर मौजूद है। पुलिस ने उसे वहां से सुरक्षित बरामद किया और परिजनों को सौंप दिया।
यह घटना बताती है कि आज के समय में मोबाइल फोन की लत युवाओं को किस हद तक प्रभावित कर रही है। डिजिटल युग में जहां मोबाइल जरूरी साधन बन गया है, वहीं इसकी अत्यधिक लत परिवारिक रिश्तों में खटास भी पैदा कर रही है। इस तरह के मामलों से बचने के लिए परिवारों को जागरूकता फैलाने और संतुलित डिजिटल उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है।
आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारी ज़रूरत बन चुका है लेकिन इसकी लत खतरनाक साबित हो सकती है। कई लोग इसके कारण अपने परिवार, काम और यहां तक कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
1. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
- लगातार मोबाइल का उपयोग तनाव, चिंता और डिप्रेशन को बढ़ा सकता है।
- सोशल मीडिया पर अत्यधिक समय बिताने से नकारात्मक तुलना की भावना आती है, जिससे आत्मसम्मान (Self-Esteem) प्रभावित होता है।
2. नींद में बाधा
- देर रात तक मोबाइल चलाने से नींद की गुणवत्ता खराब होती है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन और कार्यक्षमता में कमी आती है।
3. शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
- घंटों मोबाइल स्क्रीन देखने से आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है और सिरदर्द की समस्या बढ़ सकती है।
- गर्दन झुकाकर मोबाइल देखने से स्पॉन्डिलाइटिस और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
4. रिश्तों में दूरी
- अधिकतर लोग मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, जिससे पारिवारिक संबंध कमजोर हो जाते हैं।
- बातचीत कम होने से रिश्तों में भावनात्मक दूरी आ जाती है।
5. एकाग्रता और उत्पादकता में कमी
- मोबाइल की लत से पढ़ाई या काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
- स्क्रीन टाइम अधिक होने से याददाश्त और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है।
1. स्क्रीन टाइम को सीमित करें
- मोबाइल इस्तेमाल के लिए एक समय सीमा निर्धारित करें और गैर-ज़रूरी समय बिताने से बचें।
- फोन में "स्क्रीन टाइम" फीचर का उपयोग करें ताकि आप जान सकें कि आप कितना समय मोबाइल पर बिता रहे हैं।
2. नो-फोन जोन बनाएं
- खाने के समय, सोने से पहले और परिवार के साथ बातचीत के दौरान मोबाइल का उपयोग न करें।
- बेडरूम, डाइनिंग एरिया और पढ़ाई के स्थान को मोबाइल फ्री जोन बनाएं।
3. डिजिटल डिटॉक्स अपनाएं
- हफ्ते में कम से कम एक दिन बिना मोबाइल के बिताने की कोशिश करें।
- दिन में कुछ घंटे मोबाइल से पूरी तरह दूर रहें और इस दौरान अन्य गतिविधियों जैसे कि पढ़ाई, खेल या सामाजिक मेलजोल पर ध्यान दें।
4. रियल लाइफ इंटरैक्शन बढ़ाएं
- परिवार और दोस्तों के साथ आमने-सामने बातचीत करें और आउटडोर एक्टिविटीज़ को प्राथमिकता दें।
- अगर आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं, तो मोबाइल की बजाय किसी दोस्त या परिजन से बात करें।
5. मोबाइल में अनावश्यक ऐप्स हटाएं
- सोशल मीडिया और गेमिंग ऐप्स का उपयोग कम करने के लिए अनावश्यक ऐप्स डिलीट करें।
- नोटिफिकेशन बंद कर दें ताकि हर समय मोबाइल चेक करने की आदत कम हो।
6. रात में फोन से दूरी बनाएं
- सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल इस्तेमाल बंद कर दें।
- रात में फोन को बेड से दूर रखें ताकि सोते समय बार-बार उसे चेक करने की आदत न बने।
7. कोई नई हॉबी अपनाएं
- मोबाइल के बजाय पढ़ाई, संगीत, पेंटिंग, खेल या कोई अन्य रचनात्मक गतिविधि अपनाएं।
- ज्यादा समय बाहर बिताने की आदत डालें, जिससे फोन का उपयोग कम होगा।
8. जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल मदद लें
- अगर मोबाइल की लत बहुत अधिक हो गई है और आप इसे खुद कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं, तो किसी मनोवैज्ञानिक या काउंसलर से सलाह लें।
मोबाइल फोन ज़रूरी है, लेकिन इसकी लत नुकसानदायक हो सकती है। हमें स्मार्टफोन को अपने ऊपर हावी होने देने के बजाय, स्मार्ट तरीके से उसका इस्तेमाल करना सीखना चाहिए। बैलेंस बनाए रखना ही स्वस्थ डिजिटल लाइफस्टाइल की कुंजी है।