#राजनीति
March 7, 2025
BJP के खेमेबाजी में फंसा हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष पद- अब अप्रैल के लिए टली बात
नाराज नेताओं के मुद्दे पर विचार- किसी नाम पर नहीं बनी सहमति
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में पिछले लंबे समय से बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए खींचतान तेज है। अभी तक हाईकमान द्वारा किसी के नाम पर भी सहमति नहीं बनी है। बताया जा रहा है कि अब ये मामला अप्रैल महीने तक के लिए लटक गया है। आगामी अप्रैल में बीजेपी अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करने जा रही है
खबर आ रही है कि इससे पहले पार्टी अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी। इस चुनाव प्रक्रिया से पहले पार्टी देशभर में सभी राज्य अध्यक्षों के चुनावों को पूरी करने की तैयारी में है। इस संदर्भ में कई राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, जबकि कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया जल्द ही समाप्त हो जाएगी।
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बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा इस समय वे अपने घर बिलासपुर में हैं। ऐसे में आसार है कि नड्डा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों से भी मुलाकात कर सकते है। वहीं, प्रदेश में पार्टी के वरिष्ठ नेता सौदान सिंह भी इस समय प्रवास पर हैं। वे राज्य के भीतर पार्टी के विभिन्न वर्गों के नेताओं से अनौपचारिक रूप से मुलाकात कर रहे हैं, ताकि संगठनात्मक चुनावों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्थिति का आकलन किया जा सके।
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह हिमाचल प्रदेश मामलों के प्रभारी हैं और इन दिनों कांगड़ा क्षेत्र में प्रवास पर हैं। उनके इस दौरे का खास महत्व है क्योंकि वे पार्टी के पुराने और नए नेताओं के बीच संतुलन स्थापित करने के प्रयास में हैं। इस दौरान सौदान सिंह वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात कर संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं और संभावित प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर विचार मंथन कर रहे हैं।
बीजेपी जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करने पर विचार कर रही है। इस निर्णय में पार्टी को पुराने और नए कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा। पार्टी में कांग्रेस से शामिल हुए नेताओं और पुराने कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता होगी, जिससे पार्टी के भीतर कोई आंतरिक तनाव न हो और संगठन मजबूत बना रहे।
उधर, बीजेपी को इस समय कुछ नाराज नेताओं के मुद्दे पर भी निर्णय लेना होगा। पार्टी में कई नेता इस समय असंतुष्ट हैं, और इन नेताओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए पार्टी को विचारशील निर्णय लेना होगा। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के लिए एक अहम मोड़ होगा, जहां इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय लिया जाएगा।
इन सभी मंथन और विचार-विमर्शों के बाद, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी। इसका उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को एक मजबूत स्थिति में लाना है। भाजपा के भीतर चल रही चर्चाएं और संगठनात्मक चुनावों का पूरा ध्यान आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पार्टी की रणनीति पर है।