#अपराध

November 8, 2025

हिमाचल: घास काटने गई महिला की सांसें छिनने वाले किशोर के मोबाइल ने खोले राज, गलत एप ने... 

जबरन संबंध बनाने से रोकने पर किशोर ने महिला को कर दिया था घायल

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Hamirpur Crime News

हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के सलासी क्षेत्र से सामने आई घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। महज 14 साल के किशोर ने एक 40 वर्षीय महिला से जबरदस्ती का प्रयास किया, जब महिला ने इसका विरोध किया तो उसने बर्बर हमला कर उसे इस कद्र घायल कर दिया, कि महिला पांच दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ती रही। लेकिन बीते रोज शुक्रवार की रात को आखिरकार महिला ने दम तोड़ दिया। इस मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है। 

महिला की मौत से पूरे क्षेत्र में पसरा सन्नाटा

शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे सलासी गांव की 40 वर्षीय रंजना ने अंतिम सांस ली। उसकी मौत की खबर मिलते ही सलासी से लेकर पूरे हमीरपुर में सन्नाटा पसर गया। लोग अब भी यकीन नहीं कर पा रहे कि नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला एक बच्चा इतनी भयावह वारदात को अंजाम दे सकता है।

 

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नाबालिग के फोन से हुआ बड़ा खुलासा

जांच के दौरान जब पुलिस ने आरोपी नाबालिग का मोबाइल फोन खंगाला, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। बताया जा रहा है कि नाबालिग ने अपने फोन में कई आपत्तिजनक और हिंसक एप्स व साइट्स डाउनलोड की हुई थीं, जिनसे वह प्रभावित हुआ था। उसने वारदात के बाद सबूत मिटाने के लिए मोबाइल की हिस्ट्री और डेटा बड़ी चालाकी से डिलीट कर दिया था।

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पुलिस सूत्रों के अनुसार नाबालिग ने पूछताछ में अपने गुनाह को स्वीकार किया है। उसने माना कि वह मोबाइल पर देखी गलत सामग्री से प्रभावित होकर इस घटना को अंजाम देने की योजना बना चुका था।

घास काटने गई महिला पर दरिंदगी

घटना सोमवार की है, जब रंजना रोज़ की तरह घास काटने खेतों में गई थी। तभी नाबालिग वहां पहुंचा और कथित तौर पर महिला के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। जब रंजना ने विरोध किया, तो आरोपी ने पहले तेजधार हथियार से हमला किया, और जब उसे लगा कि महिला अभी जिंदा है, तो उसने बांस के डंडे से उसके सिर पर कई वार किए।

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पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि घटनास्थल पर मिला डंडा खून से लथपथ था। महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। लेकिन पांच दिन की जद्दोजहद के बाद उसने दम तोड़ दिया।

6 घंटे में आरोपी गिरफ्तार

घटना की सूचना मिलते ही सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कुलवंत सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। महज 6 घंटे के भीतर आरोपी नाबालिग को हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने पूरे मामले की सच्चाई बयां की। वर्तमान में नाबालिग को ऊना के जुवेनाइल बोर्ड में पेश कर शेल्टर होम में भेजा गया है। पुलिस उसके मोबाइल डेटा की फोरेंसिक जांच करवा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने किन एप्स और साइट्स से प्रेरणा ली थी।

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बच्चे इतने खतरनाक कैसे

इस घटना ने पूरे हमीरपुर ही नहीं बल्कि पूरा हिमाचल झकझोर दिया है। लोग अब सोचने पर मजबूर हैं कि महज 14 साल का बच्चा इस हद तक कैसे जा सकता है। स्थानीय महिलाओं में भय का माहौल है और लोग मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं। एक ओर मां जैसी महिला की जान चली गई, दूसरी ओर एक किशोर अपराधी बन गया।  सवाल यह है कि गलती किसकी है, बच्चे की या उस मोबाइल स्क्रीन की जिसने उसे अंधेरे में धकेल दिया।

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