#अपराध
December 21, 2025
हिमाचल से दिल्ली तक बिछाया था नशे का नेटवर्क- प्लान बना मजनू के टीले पर पुलिस ने किया अरेस्ट
होटल से हुई पहली गिरफ्तारी, चार पहुंचे सलाखों के पीछे
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शिमला। हिमाचल प्रदेश पिछले कुछ समय से नशा तस्करों का गढ़ बनता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि बाहरी राज्यों के नशा तस्कर हिमाचल में काफी सक्रिय हैं। हिमाचल से बाहरी राज्यों में धड़ल्ले से नशा सप्लाई किया जा रहा है। ताजा मामले में नशा तस्करों के एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है।
ये कार्रवाई दिल्ली पुलिस द्वारा की गई है। ये गिरोह हिमाचल प्रदेश से चरस लाकर दिल्ली-NCR में सप्लाई करता था। पुलिस टीम ने मामले में चार नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और 1.698 किलोग्राम चरस बरामद की है।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस को इस नेटवर्क के बारे में एक विश्वसनीय मुखबिर से अहम सूचना मिली थी, जिसके आधार पर तुरंत रणनीति तैयार की गई।
पुलिस को सूचना मिली थी कि हिमाचल प्रदेश से चरस की खेप लेकर एक तस्कर दिल्ली पहुंच चुका है और पहाड़गंज इलाके के एक होटल में ठहरा हुआ है। सूचना की पुष्टि के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने होटल पर छापा मारा। इस दौरान कुंदन लाल नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया।
कुंदन लाल हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का निवासी है। जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से 1136 ग्राम चरस बरामद हुई। पूछताछ में सामने आया कि यह चरस दिल्ली-NCR में आगे सप्लाई किए जाने के लिए लाई गई थी।
पुलिस रिकॉर्ड खंगालने पर यह भी सामने आया कि कुंदन लाल पहले से ही नशा तस्करी के मामलों में संलिप्त रहा है। वर्ष 2024 में उसे हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में NDPS एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है, जिससे उसके पुराने अपराधी होने की पुष्टि होती है।
कुंदन लाल से गहन पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे। उसने खुलासा किया कि दिल्ली में इस चरस को रिसीव कर आगे सप्लाई करने के लिए उसके दो सहयोगी सक्रिय हैं। इनकी पहचान पूर्वी दिल्ली निवासी गौरव वर्मा और पीयूष कुमार के रूप में हुई।
आरोपी की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच की टीम ने 13 दिसंबर को त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, ये दोनों दिल्ली में सिंडिकेट के अहम कड़ी थे और स्थानीय स्तर पर नशे की सप्लाई संभालते थे। इनकी गिरफ्तारी से दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
पूछताछ आगे बढ़ने पर पुलिस के सामने एक और बड़ा नाम आया- मनीष कुमार उर्फ मनीष ठाकुर। वह भी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का रहने वाला है और इस पूरे नेटवर्क में चरस की आपूर्ति करने में अहम भूमिका निभा रहा था।
क्राइम ब्रांच की टीम ने तकनीकी और मानवीय सूचनाओं के आधार पर मनीष कुमार का पीछा किया और उसे दिल्ली के मजनू का टीला इलाके से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसकी तलाशी ली गई, जिसमें उसके बैग से 562 ग्राम चरस बरामद हुई। इसके साथ ही पुलिस को यह यकीन हो गया कि हिमाचल से दिल्ली तक की पूरी सप्लाई चेन को काफी हद तक तोड़ दिया गया है।
चारों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस के सामने चरस तस्करी का पूरा तरीका साफ हो गया है। यह गिरोह हिमाचल प्रदेश के दुर्गम और पहाड़ी इलाकों, विशेष रूप से कुल्लू और आसपास के क्षेत्रों से चरस एकत्र करता था। इसके बाद इसे बसों, निजी वाहनों और अन्य माध्यमों से दिल्ली लाया जाता था। राजधानी पहुंचने के बाद छोटे-छोटे तस्करों के जरिए इसे अलग-अलग इलाकों में खपाया जाता था।
दिल्ली पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस अब इस सिंडिकेट से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है।
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आगे की जांच जारी है और पुलिस का दावा है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं। यह पूरा मामला दिल्ली पुलिस के सूचना आधारित और सुनियोजित पुलिसिंग का उदाहरण है, जिसमें समय रहते कार्रवाई कर एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग्स सिंडिकेट पर प्रभावी प्रहार किया गया है।