#अपराध
December 21, 2025
हिमाचल : नशा बेचकर लगाए नोटों के ढेर, सरकार ने सील की 48 करोड़ की काली संपत्ति- 3 अरेस्ट
नशे के पूरे नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में पुलिस की कड़ी कार्रवाई
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शिमला। हिमाचल प्रदेश को नशे से मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत राज्य पुलिस ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। PIT-NDPS अधिनियम के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए तस्करों से जुड़ी करीब 48 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति भी जब्त की गई है।
मामले में पुलिस टीम ने तीन और तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस टीम द्वारा यह कार्रवाई बद्दी, कुल्लू और सिरमौर जिलों से जुड़े तस्करों के खिलाफ की गई है।
प्रदेश पुलिस और औषधि नियंत्रण विभाग ने संयुक्त रूप से 19 और 20 दिसंबर को राज्यस्तरीय विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाना, चिट्टा तस्करी की कड़ी को तोड़ना और नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर नजर रखना था।
अभियान के दौरान प्रदेशभर में 80 संदिग्ध दवा विक्रेताओं को चिन्हित कर उनकी दुकानों की गहन जांच की गई। जांच में आठ दवा दुकानों में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई।
विशेष अभियान के तहत अलग-अलग जिलों में चिन्हित दुकानों की जांच की गई। इन सभी दुकानों में रिकॉर्ड, स्टॉक और बिक्री से जुड़े दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल की गई। जिसमें-
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने NDPS अधिनियम, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत-
जैसे सभी दस्तावेजों की विस्तार से जांच की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं नशीली दवाओं की अवैध सप्लाई तो नहीं हो रही। जिला ऊना में एक दवा दुकान के मालिक के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच के दौरान दुकान से कई दवाइयां बिना किसी वैध दस्तावेज के पाई गईं। दुकान से-
2330 गोलियां
800 नशीले कैप्सूल
करीब 24 लाख रुपये नकद
इसके अलावा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम के तहत बिलासपुर में दो दुकानों, बद्दी, ऊना, नूरपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में एक-एक दुकान के खिलाफ कार्रवाई की गई। इन दुकानों से कुल 2117 नशीले कैप्सूल और 14 स्ट्रिप गर्भपात किट जब्त की गईं।
प्रदेश पुलिस का कहना है कि यह अभियान केवल तस्करों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि नशे के पूरे नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक ठोस कदम है। अवैध संपत्तियों की जब्ती और दवा दुकानों की सख्त निगरानी से नशे के कारोबारियों पर दबाव बढ़ेगा।
प्रशासन ने साफ किया है कि “चिट्टा मुक्त हिमाचल” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे और नशे के धंधे में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।