#अपराध
September 26, 2025
हिमाचल में एक और SDM ने किया 'कांड', पुलिस ने FIR नहीं की दर्ज- जानें पूरा मामला
महिला पंचायत सचिव ने बताया SDM का सच
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में उजागार हुआ SDM वाला मामला अभी पहले से बहुत गरमाया हुआ है। अब इसी बीच एक और SDM पर दुराचार के आरोप लगे हैं। मामले के सामने आने के बात लोगों में काफी रोष है।
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HAS) के 2013 बैच के अधिकारी और वर्तमान में सुजानपुर (जिला हमीरपुर) के SDM पद पर तैनात विकास शुक्ला गंभीर आरोपों के चलते मुश्किलों में घिर गए हैं।
कुल्लू में SDM रहते समय उन पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण, प्रताड़ना, जान से मारने की धमकी और दबाव डालकर बयान लिखवाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को ईमेल के माध्यम से तुरंत जांच शुरू करने और कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं।
महिला का कहना है कि उसने इन घटनाओं की लिखित शिकायत 13 अक्टूबर 2024 को SP कुल्लू को दी थी। लेकिन पुलिस ने आरोपों को गंभीरता से लेने की बजाय मामले को दबाने और लीपापोती करने की कोशिश की।
कार्रवाई न होते देख महिला ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। एक अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एसपी कुल्लू, महिला थाना कुल्लू, थाना प्रभारी कुल्लू और विकास शुक्ला सहित अन्य संबंधित लोगों से जवाब मांगा है। इसी बीच, सुंदरनगर के समाजसेवी अश्वनी सैनी ने यह मामला महिला आयोग तक पहुंचाया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
महिला ने अपनी शिकायत में विस्तार से आरोप लगाए हैं कि 13 अक्टूबर 2024 को विकास शुक्ला ने यह कहकर उसे अपने आवास बुलाया कि उसके खिलाफ शिकायत आई है। जब महिला वहां पहुंची तो दरवाजा बंद कर उसका यौन शोषण किया गया।
24 सितंबर 2024 को विकास ने माफी मांगने का बहाना बनाकर फिर बुलाया। महिला के मना करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई। आवास पर पहुंचते ही विकास ने उसके पर्स से मोबाइल फोन निकालकर अपने पास रख लिया।
महिला का आरोप है कि विकास ने दो बार जबरन उसका गर्भपात भी करवाया। महिला का कहना है कि विकास लगातार उसे शादी का झांसा देकर संबंध बनाता रहा और बाद में डराने-धमकाने लगा। महिला ने एक कथित समझौते की कॉपी भी पेश की है, जिसमें विकास शुक्ला ने महिला को अपनी दोस्त और तीन साल से परिचित होने की बात स्वीकार की है।
अब जब मामला उच्च न्यायालय और महिला आयोग तक पहुंच गया है, तो अधिकारी पर जांच का दबाव बढ़ गया है। मुख्य सचिव द्वारा सीधे डीजीपी और गृह सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बाद यह प्रकरण और गंभीर हो गया है।
एक प्रशासनिक अधिकारी पर इस तरह के गंभीर आरोप लगने से पूरे प्रदेश के प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। मामले की निष्पक्ष जांच होने पर कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।