#अपराध
September 26, 2025
हिमाचल: महिला के आरोप पर बोले SDM, रोजाना करती थी फोन.. घर तक पहुंच गई थी..
तीन बार कर चुकी है शिकायत हर बार साबित हुए हैं निर्दोष
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हमीरपुर। देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश में अब बड़े प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगने लगे हैं। दो दिन पहले ही ऊना जिले के एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान पर एक युवती ने उसके यौन शोषण के आरोप लगाए थे। वहीं अब प्रदेश के कुल्लू जिला में पूर्व में रहे एसडीएम विकास शुक्ला पर एक महिला ने दुष्कर्म के आरोप लगा कर प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के पूर्व एसडीएम रहे विकास शुक्ला पर एक महिला जो पंचायत सचिव है ने आरोप लगाए हैं कि विकास शुक्ला ने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। इतना ही नहीं उसका दो बार गर्भपात भी करवाया। महिला ने न्याय पाने के लिए हिमाचल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और न्याय की गुहार लगाई है।
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अब महिला के आरोप के बाद हमीरपुर जिला के सुजानपुर में एसडीएम के पद पर तैनात विकास शुक्ला ने एक वीडियो जारी कर उन पर लगाए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महिला के सभी आरोपों को निराधार बताया है और हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं की बात कही है। एसडीएम ने कहा कि इन मामलों की पहले भी तीन स्तरों पर जांच हो चुकी है और हर बार वे निर्दोष पाए गए हैं।
बयान में विकास शुक्ला ने बताया कि कुल्लू में पोस्टिंग के दौरान महिला पंचायत सचिव उनसे छोटे-छोटे कामों के सिलसिले में मिलती रहती थी। धीरे-धीरे वह बार-बार रोजाना फोन करने और उनके पीछे आने लगी। उन्होंने कहा मैंने कई बार समझाया कि हमारी सरकारी जिम्मेदारियों के कारण व्यक्तिगत बातचीत सीमित रहनी चाहिए। इसके बावजूद महिला लगातार फोन करती रही और एक बार मेरे घर तक भी आ गई, जिसके बाद मुझे पुलिस को बुलाना पड़ा। जिससे वह भड़क गई और उसके बाद उसने मुझ पर इस तरह के आरोप लगाने शुरू कर दिए।
कुल्लू में SDM रहते समय उन पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण, प्रताड़ना, जान से मारने की धमकी और दबाव डालकर बयान लिखवाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को ईमेल के माध्यम से तुरंत जांच शुरू करने और कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं।
महिला का कहना है कि उसने इन घटनाओं की लिखित शिकायत 13 अक्टूबर 2024 को SP कुल्लू को दी थी। लेकिन पुलिस ने आरोपों को गंभीरता से लेने की बजाय मामले को दबाने और लीपापोती करने की कोशिश की।
कार्रवाई न होते देख महिला ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। एक अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एसपी कुल्लू, महिला थाना कुल्लू, थाना प्रभारी कुल्लू और विकास शुक्ला सहित अन्य संबंधित लोगों से जवाब मांगा है। इसी बीच, सुंदरनगर के समाजसेवी अश्वनी सैनी ने यह मामला महिला आयोग तक पहुंचाया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इस मामले में महिला की याचिका पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने पुलिस महानिदेशक को जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, विकास शुक्ला का कहना है कि वे हर स्तर पर जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं और सच्चाई जल्द सामने आ जाएगी।