#अपराध
September 21, 2025
हिमाचल: छोटी उम्र के युवा कर रहे नशा तस्करी, 3 राज्यों के 20 से 27 साल के पांच आरोपी धरे
हिमाचल ही नहीं उत्तराखंड और राज्स्थान के युवक भी नशे संग धरे
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय बनती जा रही है। विशेषकर छोटी उम्र के युवा इस नशे के दलदल में अधिक धंस रहे हैं। जो राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसी कड़ी में बिलासपुर जिला के अंतर्गत घुमारवीं पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए तीन अलग-अलग स्थानों से कुल 361,06 ग्राम चरस बरामद की है।
इस अभियान में हिमाचल सहित तीन राज्यों के पांच नशा तस्कर युवाओं को हिरासत में लिया है। बड़ी बात यह है कि पांचों युवाओं की उम्र 20 से 26 साल के बीच है। यह युवक हिमाचल के अलावा उत्तराखंड और राजस्थान के निवासी हैं।
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पुलिस को पहली सफलता बलोह टोल प्लाजा के पास मिली] जहां गश्त के दौरान एक युवक की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर गई। तलाशी लेने पर उसके पास से 208.6 ग्राम चरस बरामद हुई। गिरफ्तार युवक की पहचान साहिल ठाकुर (20) निवासी कलोहा, जिला कांगड़ा के रूप में हुई है। इतनी बड़ी मात्रा में चरस की बरामदगी यह संकेत देती है कि हिमाचल के अंदरूनी इलाकों में भी नशे का नेटवर्क पैर पसार चुका है।
दूसरी कार्रवाई भगेड़ फोरलेन फ्लाईओवर के पास की गई। गश्त के दौरान एक युवक पुलिस को देखकर घबरा गया] जिससे शक होने पर उसे रोका गया। तलाशी लेने पर 73 ग्राम चरस बरामद की गई। आरोपी की पहचान मनीष मेहरा (20) निवासी देहरादून, उत्तराखंड के रूप में हुई है। यह गिरफ्तारी यह स्पष्ट करती है कि बाहरी राज्यों से भी नशा तस्कर हिमाचल में सक्रिय हैं।
तीसरी और महत्वपूर्ण सफलता सनौर क्षेत्र में नाकाबंदी के दौरान मिली। पुलिस ने एक संदिग्ध कार (RJ-18CF-7371) को रोका, जिसमें तीन युवक सवार थे। तलाशी में 80 ग्राम चरस बरामद की गई। आरोपियों की पहचान दिपांशु टिबरा (26), राहुल धुपीया (26) और हेमंत बर्मा (27) निवासी झुंझुनू, राजस्थान के रूप में की गई है। यह गिरोह सुनियोजित तरीके से नशा तस्करी कर रहा था।
पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन आरोपियों के तार स्थानीय नेटवर्क से जुड़े हैं या नहीं।
इन ताज़ा गिरफ्तारियों ने हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या की गंभीरता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। प्राकृतिक सौंदर्य, शांति और सांस्कृतिक गरिमा के लिए पहचाने जाने वाले इस राज्य में नशे की घुसपैठ न केवल कानून व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न बन चुकी है।
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नशे के खिलाफ हमारी मुहिम लगातार जारी रहेगी। युवाओं को इससे दूर रखने के लिए हम स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जागरूकता अभियान भी चलाएंगे। समाज के हर वर्ग को इस लड़ाई में भागीदार बनना होगा। यदि आप अपने आस-पास नशा तस्करी या नशा सेवन से जुड़ी किसी गतिविधि को देखते हैं, तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। यह न सिर्फ एक नागरिक धर्म है, बल्कि समाज को सुरक्षित रखने की दिशा में आपका योगदान भी है।