#अपराध
November 12, 2025
हिमाचल : महिला पर शादी का दबाव बना रहा था बुजुर्ग, आ गई थी तंग- सरेआम किया मुंह काला
महिला की सोशल मीडिया पर वीडियो काफी वायरल हो रही है
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में समाजसेवी देशबंधु जामला पर मिट्टी का तेल फेंकने, मुंह काला करने और जूतों की माला पहनाने की कोशिश का मामला अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। महिला आशा देवी, जो उस दिन SDM कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करती नजर आई थी, अब मीडिया के सामने खुलकर अपनी बात लेकर आई है।
मंगलवार को देहरा के बालाजी हवेली होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आशा देवी ने कहा कि उसने जो कुछ किया, वह किसी साजिश या राजनीति का परिणाम नहीं, बल्कि “वर्षों से झेले जा रहे अपमान और मानसिक प्रताड़ना का परिणाम” है।
आशा देवी ने पत्रकारों के सामने अपने दर्द भरे अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि साल 2011 में तलाक के बाद वे अपनी मां बिमला देवी के पास रक्कड़ गांव में रहने लगीं। इसी दौरान, समाजसेवी देशबंधु जामला उनके घर आने-जाने लगे।
आशा देवी का आरोप है कि देशबंधु जामला मेरी मां से कहा करते थे कि अपनी बेटी का रिश्ता मेरे साथ करा दो। जब मां ने मना किया, तो उन्होंने हमारे परिवार के खिलाफ खुन्नस निकालनी शुरू कर दी। आशा देवी ने आगे बताया कि “जब मेरी शादी सुनील नामक युवक से कर दी गई, तो देशबंधु ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमान किया और कहा कि दलित से शादी क्यों की।
उन्होंने दावा किया कि देशबंधु लगातार उन्हें और उनके पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। “वह मुझे कहते हैं कि सुनील से तलाक लेकर मुझसे शादी कर लो। आशा ने कहा कि वह यह तक कहते हैं कि मैं अपनी मां बिमला देवी की असली बेटी नहीं हूं।
महिला ने बताया कि वर्ष 2024 में उनकी मां बिमला देवी ने एक कनाल जमीन उन्हें दी थी, जबकि उनके भाई को नौ कनाल मिली। लेकिन देशबंधु ने इस पर आपत्ति जताई और एसडीएम देहरा में अपील दायर कर दी।
आशा ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से कहा कि मैं बिमला देवी की बेटी ही नहीं हूं। जमीन का फैसला मेरे पक्ष में हुआ, लेकिन उसके बाद भी देशबंधु ने शिकायतें कर-कर हमें परेशान करना जारी रखा। आशा ने कहा कि मैंने जो किया, वह गुस्से में किया। अब यह सब झेलना मुश्किल हो गया था। मेरी नीयत किसी को नुकसान पहुंचाने की नहीं थी, लेकिन जब इंसाफ की उम्मीद खत्म हो जाए, तो आदमी टूट जाता है।
वहीं, सोमवार को देहरा में देशबंधु जामला के समर्थन में बड़ा रोष प्रदर्शन हुआ। वरिष्ठ नागरिक मंच, भाजपा पदाधिकारी, आरएसएस कार्यकर्ता, और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मिनी सचिवालय के बाहर एकत्र हुए और SDM देहरा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पुलिस ने आरोपी महिला के साथ मेहमानों जैसा व्यवहार किया और जब तक मामला मीडिया में नहीं आया, तब तक FIR दर्ज नहीं की गई। उन्होंने प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाते हुए संबंधित अधिकारियों के तत्काल तबादले और निष्पक्ष जांच की मांग की।
SP देहरा मयंक चौधरी ने कहा कि मामले की जांच पूरी निष्पक्षता से की जाएगी। किसी के साथ पक्षपात या अन्याय नहीं होगा। पुलिस हर एंगल से तथ्यों की जांच कर रही है। दोनों पक्षों के बयान और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही सत्य सामने लाया जाएगा।
यह पूरा घटनाक्रम पिछले शुक्रवार को हुआ था, जब SDM कोर्ट देहरा में एक पेशी के दौरान महिला ने अचानक देशबंधु जामला पर मिट्टी का तेल फेंक दिया, मुंह काला किया और जूतों की माला पहनाने की कोशिश की। पुलिस ने मौके पर स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों पक्षों को अलग किया।
देशबंधु जामला, जो रक्कड़ क्षेत्र के निवासी हैं, लंबे समय से जनहित और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं। वे पहले भी कई बार प्रशासनिक उदासीनता के खिलाफ आमरण अनशन कर चुके हैं।
अब यह मामला पूरी तरह दो पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप में बदल गया है। एक ओर देशबंधु के समर्थक इसे साजिशन हमला और सामाजिक अपमान बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आशा देवी इसे वर्षों की पीड़ा और मानसिक उत्पीड़न का प्रतिकार कह रही हैं।