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November 4, 2025

वाह री सरकार! नल तो लगा दिया- नहीं टपकी एक बूंद, कई KM पैदल चलकर पानी ढो रहा परिवार

जल जीवन मिशन के तहत दो साल पहले लगा था घर पर नल

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Shimla Water Connection

शिमला। सरकार भले ही हर घर नल, हर नल में जल का नारा बुलंद कर रही हो, लेकिन जमीनी सच्चाई कई जगह इसका उल्टा चेहरा दिखा रही है। शिमला जिले की धरेच पंचायत के उपगांव शांतकुटी में रहने वाली 72 वर्षीय बिमला देवी इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।

दो साल पहले लगा नल

दो साल पहले उनके घर के आंगन में जल जीवन मिशन के तहत नल तो लग गया, पर उस नल से आज तक एक बूंद पानी नहीं निकली। बिमला देवी के परिवार की मजबूरी इस कदर है कि उन्हें रोजाना करीब डेढ़ किलोमीटर दूर सातस्वर नामक स्रोत से पानी सिर पर रखकर लाना पड़ता है।

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हर दिन ढोना पड़ता है पानी

उम्रदराज बिमला देवी और उनके परिवार के लिए यह रोज की कठिन दिनचर्या बन चुकी है। इस परिवार का कहना है कि जब राज्य सरकार “हर घर तक नल का पानी” देने की घोषणाएं कर रही है, तब भी वे आज पुराने ज़माने की तरह सिर पर मटके उठाकर जीवन गुज़ारने को मजबूर हैं।

एक बूदं भी नहीं टपकी

बिमला देवी बताती हैं कि शांतकुटी गांव में कुल आठ घर हैं। इनमें से सात घरों में तुंगेश लिफ्ट जलापूर्ति योजना के माध्यम से पानी की सप्लाई सुचारू रूप से हो रही है। लेकिन उनका घर ही ऐसा है, जहां नल सिर्फ दिखावे का बनकर रह गया है।

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हेल्पलाइन पर की शिकायत

उन्होंने कहा कि बाकी सबके घर पानी से भरे हैं, लेकिन हमारे नल में कभी आवाज भी नहीं आई। कई बार विभाग को बताया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बिमला देवी ने बताया कि उन्होंने जल शक्ति विभाग में कई बार शिकायतें दर्ज कराईं, यहां तक कि 1100 हेल्पलाइन पर भी अपनी समस्या दर्ज की

नहीं हुआ कोई समाधान

हेल्पलाइन से फोन आने पर उन्हें बताया गया कि समस्या दर्ज कर ली गई है और जल्द समाधान होगा। मगर कुछ दिनों बाद विभाग ने यह कहकर फाइल बंद कर दी कि मामला सुलझा लिया गया है। बिमला देवी ने कहा समाधान तो हुआ ही नहीं, लेकिन विभाग ने रिपोर्ट में दिखा दिया कि सब ठीक है।

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पाइप बदलने में बरती लापरवाही

स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग की यह लापरवाही तकनीकी कमी की वजह से है। दरअसल, बिमला देवी के घर तक पानी पहुंचाने के लिए लोहे की पाइप लगनी थी, लेकिन उसकी जगह प्लास्टिक पाइप डाल दी गई। इस कारण सप्लाई का प्रेशर नहीं बन पाया और दो साल में भी एक बूंद पानी घर तक नहीं पहुंचा।

जल शक्ति विभाग का बयान

इस पूरे मामले में जब जल शक्ति विभाग उपमंडल कोटी के कनिष्ठ अभियंता सुनील भीखटा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने माना कि समस्या की जानकारी उन्हें मिल गई है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। बहुत जल्द तकनीकी खराबी दूर कर पानी की सप्लाई सुचारू कर दी जाएगी।

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योजनाओं की खुली पोल

यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि जब गांव के बाकी घरों तक पानी पहुंच चुका है, तो एक घर दो साल से क्यों प्यासा है? हर घर जल जैसी योजनाएं कागजों पर भले ही सफल दिखें, लेकिन बिमला देवी जैसी ग्रामीण महिलाओं की पीड़ा यह बताती है कि योजनाओं की जमीनी निगरानी अब भी कमजोर कड़ी बनी हुई है।

स्थानीय लोगों में रोष

शांतकुटी गांव के लोगों में इस घटना को लेकर नाराज़गी है। ग्रामीणों का कहना है कि जल जीवन मिशन का लाभ हर परिवार तक समान रूप से पहुंचना चाहिए। वे मांग कर रहे हैं कि विभाग जल्द कार्रवाई करे ताकि बुजुर्ग बिमला देवी को अब पानी के लिए रोज़ाना पहाड़ी रास्ता तय न करना पड़े।

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