#अव्यवस्था
November 14, 2025
तो ये है व्यवस्था परिवर्तन! सेवा भाव हुई शर्मसार- वृद्धाश्रम में परोसा जा रहा कीड़े वाला खाना
औचक निरीक्षण में हुआ बड़ा खुलासा
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बसंतपुर स्थित वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के साथ भोजन के स्तर पर हो रही गंभीर लापरवाही आखिरकार उजागर हो गई है। हैरानी की बात है कि वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों को खराब खाना परोसा जाता है।
राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष डॉ. एसपी कत्याल ने जब गुरुवार को वृद्धाश्रम का औचक निरीक्षण किया, तो यहां की स्थिति देखकर वे खुद स्तब्ध रह गए। भोजन के लिए रखे गए आटे में घुन चलते हुए मिले, वहीं चावल और दाल चना एक्सपायरी पाई गई।
कई बुजुर्गों ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि अक्सर उन्हें बासी या कम गुणवत्ता वाला भोजन परोसा जाता है। निरीक्षण के दौरान डॉ. कत्याल ने किचन और स्टोर रूम की विस्तृत जांच की। यहां-
इससे साफ हो जाता है कि आश्रम में भोजन प्रबंधन बेहद लापरवाही के साथ किया जा रहा है, जबकि यहां के बुजुर्ग भोजन पर ही सबसे ज्यादा निर्भर रहते हैं। जांच के दौरान एक और बड़ा मामला सामने आया। डॉ. कत्याल ने पाया कि आश्रम में रोजाना काफी मात्रा में राशन दान के तौर पर आ रहा है, लेकिन उसकी सही खपत नहीं हो रही।
राशन की मात्रा आवश्यकता से अधिक होने के कारण कई खाद्य पदार्थ समय पर उपयोग नहीं हो रहे। पैक्ड सामग्री स्टोर में महीनों तक पड़ी रहती है और फिर एक्सपायरी होकर खराब हो जाती है। अध्यक्ष ने इसे गंभीर कमी मानते हुए कहा कि जरूरत से अधिक राशन अन्य जरूरतमंद केंद्रों में वितरित किया जाना चाहिए, ताकि दान बर्बाद न हो।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में वे राज्य सरकार से विस्तृत ऑडिट करवाने का आग्रह करेंगे कि कितना राशन दान हो रहा है और कितना उपयोग हो रहा है, यह तुरंत पता लगाना जरूरी है। निरीक्षण के बाद डॉ. कत्याल ने आश्रम के कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए कि खाद्य सामग्री का समय पर उपयोग करें।
इसके अलावा राशन का उचित प्रबंधन रखें। पेयजल की गुणवत्ता व निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करें। चिकित्सक बुजुर्गों के स्वास्थ्य का विस्तृत प्रतिवेदन नियमित भेजें। हालांकि, उन्होंने वृद्धजनों की रहन-सहन की स्थिति को संतोषजनक बताया, लेकिन भोजन से संबंधित अनियमितताओं को बेहद गंभीर माना।
वहीं, बसंतपुर दौरे के दौरान डॉ. कत्याल ने बगैण, धरस्थाई, घरयाणा के आंगनबाड़ी केंद्रों का भी निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने सुन्नी स्थित CDPO कार्यालय का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं और रिकॉर्ड का आकलन किया।
सुन्नी तहसील की सरकारी समिति द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण करते समय उन्होंने पाया कि दुकान पर सूचना पट्ट और शिकायत रजिस्टर उपलब्ध नहीं है। उन्होंने विक्रेता को स्पष्ट निर्देश दिए दुकान में सूचना पट्ट लगाया जाए। शिकायतों के लिए Complaint-cum-Log Book बनाई जाए। अधिकारी समय-समय पर शिकायतों की समीक्षा कर समाधान सुनिश्चित करें।