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December 9, 2025

सावधान हिमाचल! आने वाला है बड़ा खतरा, सतलुज में डूब जाएगा पूरा इलाका- रिपोर्ट में हुआ खुलासा

अचानक आ सकती है बाढ़, डैम में रुका भारी मात्रा में पानी

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Kol Dam Silt Satluj River Tattapani Sunni

शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला और बिलासपुर की सीमाओं से लगे तातापानी क्षेत्र के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। क्षेत्र में इस समय एक गंभीर पर्यावरणीय और संभावित आपदा संबंधी संकट उभर आया है।

हिमाचल में बाढ़ का खतरा

DC शिमला द्वारा जारी रिपोर्ट ने सरकार को भी हिला कर रख दिया है। रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि सुन्नी से तातापानी तक कोलडैम के अंदर जिस तेजी से सिल्ट भर रही है, वह आने वाले वर्षों में पूरे क्षेत्र को जलमग्न कर सकती है।

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सतुलज में डूब जाएगा पूरा इलातक

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसे प्रदेश के लिए गंभीर चेतावनी बताया है। दरअसल, राज्य स्तरीय कोलडैम विस्थापित पुनर्वास एवं परामर्श समिति की समीक्षा बैठक के दौरान, DC शिमला की रिपोर्ट ने खुलासा किया कि डैम के तल में मोटी सिल्ट परतें जमा हो चुकी हैं।

कौल डैम में जमी स्लिट

यह भराव डिजाइन कैपेसिटी से कई गुना ज्यादा है। बरसातों के दौरान पानी का प्राकृतिक प्रवाह अवरुद्ध हो रहा है। इसका सीधा असर तातापानी, सुन्नी, झाकड़ी, बिलासपुर और आसपास के इलाकों पर पड़ सकता है।

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अचानक आ सकती है बाढ़

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि सिल्ट को जल्द नहीं हटाया गया, तो हर मानसून में डैम का जलस्तर बढ़कर अचानक बाढ़, बैक-फ्लो फ्लडिंग और बड़े पैमाने पर जलभराव पैदा कर सकता है। ये परिस्थितियां डैम सेफ्टी एक्ट की दृष्टि से गंभीर मानी जाती हैं।

क्यों नहीं हटाई गई स्लिट?

बैठक के दौरान जब राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने NTPC अधिकारियों से पूछा कि सिल्ट हटाने की प्रक्रिया क्यों अब तक शुरू नहीं हुई, तो अधिकारियों का जवाब मंत्री को चौंका गया। अधिकारियों ने बताया डैम निर्माण के समय सिल्ट हटाने का कोई प्रावधान ही नहीं रखा गया था।

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लोगों की जान से खिलवाड़

इस जवाब ने मंत्री को व्यथित कर दिया। उन्होंने इसे जनता के साथ अन्याय, लापरवाही और तकनीकी असफलता करार देते हुए कहा कि प्रदेश की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। NTPC के खिलाफ डैम सेफ्टी एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत नोटिस भेजे जाएं और इसके लिए मंडी, शिमला और बिलासपुर के डीसी को तुरंत निर्देश जारी किए जाएं।

हर मानसून में बढ़ता खतरा

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कोलडैम के तल में जमा सिल्ट मानसून के समय भारी मात्रा में पानी रोक लेती है। इससे तातापानी के मंदिर क्षेत्र, हॉट वाटर स्प्रिंग जोन, आसपास की बस्तियों और शिमला–बिलासपुर मार्ग के किनारे रहने वाले लोगों को गंभीर खतरा है।

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लोग महसूस कर रहे खतरा

कई स्थानों पर जलस्तर पिछले वर्षों की तुलना में लगातार बढ़ रहा है। यह स्थिति डैम की सुरक्षित संचालन क्षमता को चुनौती दे रही है। स्थानीय लोग पिछले कई सालों से इस खतरे को महसूस कर रहे हैं, लेकिन पहली बार सरकार ने इतनी गंभीरता से इस मुद्दे को उठाया है।

अब क्या होगा आगे?

राजस्व मंत्री नेगी ने तीनों जिलों के उपायुक्तों शिमला, मंडी और बिलासपुर को संयुक्त निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। निरीक्षण के बाद वे वास्तविक खतरे का आकलन, सिल्ट की कुल मात्रा का वैज्ञानिक विश्लेषण और NTPC की जवाबदेही तय करने संबंधी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।

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सुरक्षा खतरे में डालने वालों की नहीं खैर

मंत्री नेगी ने बैठक में स्पष्ट कहा कि सुन्नी–तातापानी क्षेत्र में सिल्ट का अत्यधिक जमाव बेहद चिंताजनक है। सभी DC को डैम एक्ट के तहत NTPC को नोटिस जारी करने और सिल्ट तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश की सुरक्षा खतरे में डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

 क्या आने वाले समय में बड़े पुनर्वास की जरूरत पड़ेगी?

सरकार ने साफ कर दिया है कि अब देरी की कोई गुंजाइश नहीं है। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सिल्ट भराव ऐसे ही बढ़ता रहा, तो-

  • डैम के ऊपरी हिस्से में रहने वाले लोगों का बड़े पैमाने पर पुनर्वास करना पड़ सकता है
  • तातापानी के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है
  • डैम के संचालन में बड़े सुधार करने होंगे।

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