#अव्यवस्था
August 25, 2025
HRTC पेंशनरों का टूटा सब्र का बांध: 25 तारीख तक भी नहीं मिली पेंशन; अब आंदोलन का ऐलान
पेंशनर बोले हर बार वादा कर तोड़ रही सरकार और प्रबंधन
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार और एचआरटीसी प्रबंधन लगातार यह दावा करते आ रहे हैं कि पेंशनधारकों को हर महीने की पहली तारीख को समय पर पेंशन दी जाएगी, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। अगस्त का महीना समाप्ति की ओर है, लेकिन हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के करीब 8500 पेंशनधारकों को अब तक पेंशन नहीं मिली है। नतीजतन, पेंशन पर आश्रित परिवारों में भारी रोष है और अब उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया है।
पेंशनधारकों का आरोप है कि हर महीने यही सिलसिला दोहराया जाता है। सरकार व एचआरटीसी प्रबंधन पहले पेंशन को लेकर तारीखें देते हैं, फिर फाइलें और बजट की दुहाई देकर समय को टालते रहते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री खुद समय पर पेंशन देने का वादा कर चुके हैं, लेकिन यह वादा हर महीने टूट जाता है। अब 25 अगस्त भी बीत चुका है और हजारों पेंशनरों के बैंक खातों में एक भी रुपया नहीं पहुंचा है।
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एचआरटीसी पेंशनधारकों का कहना है कि वे लगातार निगम मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं। पेंशनधारकों की संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी कई बार उच्च अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है कि बजट जल्द मिलेगा और पेंशन जारी कर दी जाएगी। पेंशनधारकों का आरोप है कि यह आश्वासन भी अब एक राजनीतिक बयानबाज़ी बनकर रह गया है।
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एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल का कहना है कि पेंशन के लिए सरकार को बजट की मांग भेज दी गई है। जैसे ही बजट स्वीकृत होता है, पेंशन जारी कर दी जाएगी। वहीं, उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने भी कहा है कि अगले एक-दो दिन में पेंशन जारी होने की उम्मीद है। मगर पेंशनधारक इस तरह के बयानों से अब थक चुके हैं।
एचआरटीसी पेंशनधारकों ने अब सरकार की उदासीनता के खिलाफ जमीन पर उतरकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एचआरटीसी पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया है, जो पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन करेगी।
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संघर्ष समिति के महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि अब पेंशनधारकों के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। वे बोले, "हमने मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय अधिकारियों तक हर जगह गुहार लगाई, लेकिन अब सुनवाई की उम्मीद नहीं बची। हमारे परिवार भी इस वित्तीय अस्थिरता से जूझ रहे हैं।"
आंदोलन की शुरुआत 2 सितम्बर को रोहड़ू से होगी, जहां पेंशनधारक और उनके परिजन प्रदर्शन व रैली करेंगे। इसके बाद विभिन्न जिलों में इस तरह आंदोलन किया जाएगा:
4 सितम्बर – रामपुर
5 सितम्बर – हमीरपुर और सरकाघाट
8 सितम्बर – सोलन और सुंदरनगर
9 सितम्बर – चम्बा
11 सितम्बर – ऊना
13 सितम्बर – परवाणू
14 सितम्बर – नाहन
15 सितम्बर – कुनिहार और मंडी
16 सितम्बर – पालमपुर
20 सितम्बर – बैजनाथ और कुल्लू
राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि यह आंदोलन सिर्फ पेंशन के लिए नहीं, बल्कि पेंशन से जुड़े अन्य वित्तीय लाभों की अदायगी में हो रही देरी के खिलाफ भी है। हर जिले में पेंशनधारक अपने परिवारों के साथ भाग लेंगे।
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सवाल यह उठता है कि जब सरकार और एचआरटीसी प्रबंधन हर महीने पेंशन की पहली तारीख तय करते हैं, तो फिर बार-बार इसमें देरी क्यों हो रही है? क्या सरकार के पास पेंशनधारकों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने देने के लिए भी बजट नहीं है?