#अव्यवस्था
June 27, 2025
हिमाचल में यहां पूरी पंचायत दे रही सामूहिक इस्तीफा, प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप; जानें
पंचायत प्रधान को निलंबित करने से पूरी पंचायत में रोष
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ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में एक पंचायत के सभी प्रतिनिधियों ने सामूहिक इस्तीफे की घोषणा ने सभी को हैरत में डाल दिया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने यह ऐलान पंचायत प्रधान को निलंबित किए जाने के बाद किया है। उनका कहना है कि इमानदार पंचायत प्रधान पर राजनीतिक द्वेश के चलते यह कार्रवाई की गई है। जिसके प्रति पंचायत में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में रोष है।
आज निलंबित पंचायत प्रधान को साथ लेकर पंचायत के सभी सदस्य ग्रामीणों के बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ मिनी सचिवालय पहुंचे और पंचायत पदाधिकारियों ने अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंपा। वहीं, पंचायत प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है और जनभावनाओं की पूरी तरह से अवहेलना की गई है।
दरअसल जिला ऊना की ग्राम पंचायत चताड़ा की प्रधान नीलम कुमारी को जिला प्रशासन ने निलंबित कर दिया है। जिसके बाद पूरे पंचायत क्षेत्र में जबरदस्त असंतोष देखने को मिला है। पंचायत सदस्यों और ग्रामीणों ने प्रशासनिक कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताया और डीसी कार्यालय का घेराव किया। उपप्रधान ज्ञान दास समेत सभी वार्ड सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफे की घोषणा कर दी है।
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पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डीसी कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों ने कहा कि नीलम कुमारी एक ईमानदार, कर्मठ और सक्रिय जनप्रतिनिधि हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान गांव में विकास की कई योजनाएं सफलतापूर्वक लागू की हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि बिना निष्पक्ष जांच और पूरी प्रक्रिया का पालन किए बगैर उन्हें निलंबित करना तानाशाही का प्रतीक है। पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि नीलम कुमारी ने गांव के हित में निजी खर्च से भी विकास कार्य कराए हैं और अब उन पर चंद हजार रुपए के गबन का आरोप लगाकर उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बनाया जा रहा है।
वहीं निलंबित पंचायत प्रधान नीलम कुमारी ने स्वयं भी आरोप लगाया कि उन्हें राजनीति के तहत निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा ईमानदारी से पंचायत का संचालन किया और विकास कार्यों में पारदर्शिता व जनसुनवाई को प्राथमिकता दी, लेकिन यह बात कुछ प्रभावशाली राजनीतिक शक्तियों को रास नहीं आई।
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दरअसल, ग्राम पंचायत चताड़ा के निवासी अरुण शारदा ने 5 फरवरी 2025 को पंचायत प्रधान नीलम कुमारी के खिलाफ निविदाओं में अनियमितता की शिकायत जिला प्रशासन को सौंपी थी। इसके जांच विकास खंड अधिकारी ऊना को सौंपी गई थी। खंड विकास अधिकारी ने 10 मार्च को अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी, जिसमें यह पाया गया कि 26 जून 2024 को खोली गई निविदा में प्रधान द्वारा हेरफेर की गई थी। जांच रिपोर्ट में नीलम कुमारी को दोषी ठहराया गया।
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इसके बाद प्रशासन ने 27 मई 2025 को नीलम कुमारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। 21 जून को दिए गए उनके उत्तर को जिला प्रशासन ने असंतोषजनक पाया। इसके बाद जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कुमार के माध्यम से निलंबन की प्रक्रिया पूर्ण कर दी गई। एडीसी ऊना महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि जांच के सभी दस्तावेजों और जवाबों का मूल्यांकन करने के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है।