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June 27, 2025
हिमाचल: पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद जवान, पिता ने किया सैल्यूट; पत्नी ने लाल जोड़े में विदा किया पति
शहीद अंकज का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
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कांगड़ा। हिमाचल के कांगड़ा जिला का एक और जवान आज पंचतत्व में विलीन हो गया। कांगड़ा जिला के जवाली विधानसभा क्षेत्र की जोल पंचायत के आईटीबीपी जवान अंकज कुमार का आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दृश्य उस समय और भी हृदयविदारक हो गया, जब जवान अंकज कुमार को उसके 10 साल के बेटे आदित्य ने मुखाग्नि दी। पार्थिव देह के साथ आए जवानों ने अपने साथी को अंतिम सलामी दी।
इससे पहले आज दोपहर बाद जवान अंकज की देह उसके पैतृक गांव पहुंची। जैसे ही अंकज की देह उसके घर पहुंची तो हर तरफ चीख पुकार मच गई। अंकज की मां पत्नी की चीखों से वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गई। शहीद की माता कांता देवी और पत्नी सपना देवी पार्थिव देह से लिपट कर खूब रोईं। वहीं पिता की आंखों से भी छम छम आंसू बहते रहे। वहीं पास ही खड़े जवान के दो मासूम बेटे जिसमें 10 साल का आदित्य और आठ साल का सूर्यास एकटक अपने पिता की देह को देखते रहे।
इस दौरान पिता ने अपने बेटे को सैल्यूट कर घर से विदाई दी। वहीं पत्नी सपना ने लाल जोड़े में अपने पति को अंतिम विदाई दी। इस दौरान वह कई बार बेसुध भी हुई। जवान को अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग उसके घर पहुंचे हुए थे। लेकिन परिजनों के आंसूंओं को देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम थी। कुछ देर घर में पार्थिव देह रखने के बाद उसे स्थानीय श्मशानघाट ले जाया गया, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया।
जवान के साथ आए साथियों ने हवा में फायर कर अपने साथी का अंतिम श्रद्धांजली दी। वहीं प्रशासन की तरफ से नायल तहसीलदार कोटला कोविंदर चौहान, भाजपा नेता संजय गुलेरिया, पूर्व विधायक अर्जुन सिंह ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर जवान को श्रद्धांजली दी।
बता दें कि जोल गांव का आईटीबीपी जवान अंकज कुमार मात्र 35 साल के थे और वह उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बतौर चालक तैनात था। अंकज का बुधवार 25 जून की शाम को ब्रेन स्ट्रोक के चलते निधन हो गया था। जिसकी खबर जैसे ही परिवार को मिली तो परिवार में चीख पुकार मच गई। वहीं पूरे गांव में मातम पसर गया।
परिजनों के अनुसार अंकज कुछ ही सप्ताह पहले छुट्टियों पर घर आए थे और हाल ही में ड्यूटी पर लौटे थे। किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह उनकी आखिरी विदाई होगी। शहीद जवान के पिता ठाकुर सिंह गांव भाली में दर्जी का कार्य करते हैं और माता कांता देवी एक गृहिणी हैं। पत्नी सपना देवी और दो मासूम बेटेए 10 वर्षीय आदित्य और 8 वर्षीय सूर्यांश अब इस कठिन समय में अकेले रह गए हैं। अचानक मिली इस दुखद सूचना से पूरे परिवार सदमें में है।