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June 27, 2025

कुल्लू की बाढ़ में बहा वन माफिया का सच! MLA राठौर ने घेरी अपनी ही सरकार, दागे कई सवाल

मॉनसून की तबाही में उजागर हुआ पेड़ों का कटान, कुलदीप राठौर ने खुद की सरकार पर उठाए सवाल

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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं ने तबाही मचा दी है, लेकिन इस बार इस आपदा ने न सिर्फ लोगों के घर बहाए, बल्कि एक और बड़ा सच भी बहा लाया और वो है वन माफिया का गुप्त धंधा।

पंडोह डैम में लकड़ियों का अंबार

कुल्लू जिले की सैंज और बंजार घाटी में 25 जून को आई विनाशकारी बाढ़ के बाद मंडी स्थित पंडोह डैम में पेड़ों और लकड़ियों का अंबार दिखाई दिया। यह कोई सामान्य बहाव नहीं था। पूरे डैम में बहकर आई लकड़ियों की विशाल मात्रा ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हिमाचल के जंगलों में अवैध कटान चल रहा है?

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विधायक ने सरकार पर साधा निशाना

इस घटना को लेकर अब सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के ही विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ठियोग से विधायक राठौर ने कहा कि पंडोह डैम में इतनी बड़ी मात्रा में लकड़ियों का पहुंचना इस बात का साफ संकेत है कि जंगलों में अवैध कटान हो रहा है। यह वन विभाग की बड़ी नाकामी है। पिछले साल भी ऐसे ही दृश्य सामने आए थे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

 

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CM से मांगी तत्काल जांच

राठौर ने मांग की कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू इस पूरे मामले में तत्काल जांच के आदेश दें और वन विभाग की भूमिका की गहन समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि जब विभाग खुद मुख्यमंत्री के अधीन है, तो ऐसी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

 

सैंज में भी दिखी ऐसी तस्वीरें

बता दें कि पंडोह डैम का ये कोई पहला मामला नहीं है। कुल्लू में फटे बादल के बाद सैंज घाटी की कई खड्डों में हजारों लकड़ियां बहती दिखाई दी थी। जिसका वीडियो वहां के स्थानीय लोगों ने शेयर भी किया था। इन वीडियो को देख साफ तौर पर नजर आ रहा है कि जंगल के अंदर अवैध कटान जोरों पर है। 

2023 में भी दिखा था ऐसा ही मंजर

गौरतलब है कि 2023 में मंडी के थुनाग क्षेत्र में भी फ्लैश फ्लड के दौरान भारी संख्या में पेड़ और लकड़ियां बहते हुए बाजारों तक पहुंची थीं। उस वक्त सीएम ने जांच के आदेश दिए थे, मगर वह मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला गया।

 

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वन विभाग पर गहरा संदेह

स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों का भी मानना है कि यह कोई प्राकृतिक बहाव नहीं, बल्कि वन माफिया की सोची-समझी व्यवस्था का परिणाम है। सैंज और बंजार घाटी में बाढ़ के दौरान बड़ी संख्या में जो लकड़ियां खड्डों में दिखीं, वह सामान्य गिरावट नहीं बल्कि स्पष्ट संकेत हैं कि कहीं बड़े स्तर पर अवैध कटान चल रहा है।

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