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November 18, 2025

हिमाचल में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़: डेटशीट में 17 नवंबर का पेपर - कॉलेज में पहली को ही ले लिया

पेपर देने पहुंचे छात्रों को बताया- पहली को हो गया है आपका पेपर

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shimla Collage News

शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की परीक्षा प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार गलती ऐसी हुई, जिसने न सिर्फ छात्रों की मेहनत पर पानी फेर दिया, बल्कि उनके पूरे शैक्षणिक वर्ष को जोखिम में डाल दिया। डेटशीट में दर्ज तिथि के अनुसार परीक्षा देने पहुंची छात्राओं को शिमला के राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) में यह जानकर झटका लगा कि जिस कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए वे घंटों की यात्रा कर आई थीं, वह परीक्षा 17 नवंबर नहीं, बल्कि पहली नवंबर को ही आयोजित हो चुकी है।

 

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यह घटना सिर्फ एक तारीख की गलती नहीं, बल्कि एचपीयू की कार्यप्रणाली पर गहरा सवाल खड़ा करती है। क्या महाविद्यालय छात्रों के भविष्य को लेकर जिम्मेदार है या लापरवाही यहां व्यवस्था का हिस्सा बन चुकी है। महाविद्यालय की यह बड़ी लापरवाही छात्रों के भविष्य से एक बड़ा खिलबाड़ मानी जा रही है। हालांकि मामला सामने आने के बाद विभाग ने अपनी गलती मान ली है और मामले की जांच शुरू करवा दी है।

डेटशीट में 17 नवंबर, कॉलेज में पहली को हो गई परीक्षा

एचपीयू की आधिकारिक डेटशीट में पर्यावरण विज्ञान की कंपार्टमेंट परीक्षा 17 नवंबर को निर्धारित थी। छात्राओं के पास उसी डेटशीट की प्रतियां थीं, जिसमें यह तिथि स्पष्ट लिखी हुई थी।
लेकिन कॉलेज में पहुंचते ही उन्हें बताया गया कि परीक्षा तो पहली नवंबर को हो चुकी है और आज कोई परीक्षा निर्धारित नहीं। यह सुनकर 50 से अधिक छात्राएं हतप्रभ रह गईं। कई छात्राएं जिले के दूरदराज ग्रामीण इलाकों से बसों की लंबी यात्राएं करके शिमला पहुंची थीं। इन छात्रों का ना सिर्फ  किराया, समय और मेहनत शून्य हुई, बल्कि उनका एक साल भी बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गया है।

 

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सूचना का अभाव

छात्राओं का आरोप है कि न तो एचपीयू की वेबसाइट पर परीक्षा तिथि में बदलाव की कोई सूचना थी और न कॉलेज ने कोई जानकारी भेजी। एक छात्रा ने कहा कि डेटशीट ही विश्वविद्यालय की अंतिम गाइड होती है। अगर वही गलत हो जाए, या बिना सूचना बदल दी जाए, तो हम जाएं।

अभिभावकों का गुस्सा

परीक्षा केंद्र में अभिभावक भी नाराज दिखे। गुनगुन नामक छात्रा के पिता नरेंद्र वर्मा ने कहा कि  यह किसी एक क्लर्क की गलती नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था की विफलता है। डेटशीट बदलने की जानकारी न देना एचपीयू की गंभीर लापरवाही है। जब पूरी हिमाचल की यूनिवर्सिटीज एचपीयू की डेटशीट मानती हैं, तो उसमें बदलाव की सूचना अनिवार्य है। यह बच्चों के करियर का सवाल है।

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छात्राओं की नाराजगी हमारा साल दांव पर 

कॉलेज गेट पर कुछ देर तनावपूर्ण स्थिति रही। पायल और निधि नामक छात्राओं ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। एचपीयू की परीक्षाओं में तारीख बदलने, पेपर देर से देने और पेपर कैंसिल करने जैसी घटनाएं पिछले वर्षों में कई बार सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि कंपार्टमेंट पेपर इसलिए देते हैं क्योंकि एक साल बच जाए। पर यहां तो हमारी मेहनत, समय और पैसा सब बर्बाद कर दिया गया। हमारा भविष्य मजाक नहीं है।

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एचपीयू ने बैठाई मामले की जांच 

मामले के संज्ञान में आते ही एचपीयू प्रशासन हरकत में आया और मुख्य परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर श्यामलाल कौशल ने कहा  कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जहां चूक हुई है, उसे देखा जा रहा है। छात्रों के हितों की रक्षा की जाएगी और जल्द निर्णय लिया जाएगा। हालांकि छात्राओं का कहना है कि केवल जांच का आश्वासन काफी नहीं। उन्हें स्पष्ट समाधान चाहिए। परीक्षा कब होगी, क्या उनका साल बचेगा, गलत डेटशीट की जिम्मेदारी कौन लेगा।

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