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September 5, 2025

हिमाचल की इस शिक्षिका ने बदला माहौल, निजी छोड़ सरकारी स्कूल में ली बच्चों ने एडमिशन

पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ दिलाने पर भी ध्यान दिया।

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Jeevan Bala

चंबा। हिमाचल प्रदेश में आज राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, CM सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की ओर से 32 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। राज्य अतिथि गृह पीटरऑफ शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में आज इन शिक्षकों को नवाजा जाएगा।

आज सम्मानित होंगे शिक्षक

इन शिक्षकों में 26 स्कूलों और 6 कॉलेजों के शिक्षकों के नाम शामिल हैं। सरकार ने इन शिक्षकों का चयन सामान्य, विशेष और जनजातीय क्षेत्रों की तीन श्रेणियों में किया है। चयन प्रक्रिया में शिक्षकों की प्रस्तुतियों और साक्षात्कार को आधार बनाया गया।

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जीवन बाला ने मिसाल की कायम

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के मैहला क्षेत्र में स्थित केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला ने हाल ही में ऐसी मिसाल कायम की है, जिसने शिक्षा व्यवस्था के प्रति लोगों की सोच बदलने का काम किया है।

निजी स्कूल छोड़ सरकारी में आए

यहां तैनात JBT जीवन बाला ने अपनी लगन, मेहनत और नए प्रयोगों से स्कूल का माहौल ऐसा बना दिया कि निजी स्कूलों में पढ़ रहे 12 बच्चों के अभिभावकों ने अपने बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूल में एक साथ करवा दिया।

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सरकारी स्कूल पर दिलाया भरोसा

सितंबर 2019 में बतौर JBT मैहला स्कूल में नियुक्त हुई जीवन बाला के सामने शुरुआत में बड़ी चुनौती थी। स्कूल में बच्चों की संख्या बेहद कम थी और स्थानीय लोग भी सरकारी स्कूलों पर भरोसा करने में हिचकिचाते थे। लेकिन शिक्षिका ने हार नहीं मानी।

जीवन बाला ने की खूब मेहनत

उन्होंने न केवल बच्चों के लिए रोचक और रचनात्मक पढ़ाई का वातावरण तैयार किया बल्कि स्थानीय लोगों और स्टाफ को भी विश्वास में लेकर एनरोलमेंट बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया।

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छात्रवृत्ति योजनाओं का दिलाया लाभ

जीवन बाला ने पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को विभिन्न सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ दिलाने पर भी ध्यान दिया। उनके प्रयासों से स्कूल के बच्चों ने मिडल मेरिट स्वर्ण जयंती योजना में हिस्सा लिया और एक साथ चार बच्चों ने परीक्षा पास कर तीन वर्षों के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त की। यह उपलब्धि न केवल बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली रही, बल्कि अभिभावकों के लिए भी प्रेरणा बनी।

पहला-दूसरा स्थान किया हासिल...

इसके अलावा शिक्षिका ने बच्चों को सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी सक्रिय भागीदारी के लिए तैयार किया। उनके मार्गदर्शन में मैहला स्कूल के विद्यार्थियों ने जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिताओं में पहला और दूसरा स्थान हासिल कर स्कूल का नाम रोशन किया।

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अभिभावकों का बदला नजरिया

अभिभावकों का कहना है कि पहले वे निजी स्कूलों में अधिक सुविधाओं की उम्मीद में बच्चों को भेजते थे, लेकिन अब सरकारी स्कूल के बदलते माहौल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को देखकर उनका दृष्टिकोण पूरी तरह बदल गया है।

विकास का बना केंद्र

आज मैहला स्कूल सिर्फ पढ़ाई का स्थान नहीं, बल्कि बच्चों के लिए समग्र विकास का केंद्र बन गया है। शिक्षिका जीवन बाला के प्रयास इस बात के उदाहरण हैं कि यदि सही नीयत और लगन से काम किया जाए तो सरकारी स्कूल भी शिक्षा की गुणवत्ता में निजी संस्थानों को पीछे छोड़ सकते हैं।

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