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December 3, 2025

हिमाचल : गांव के सरकारी स्कूल में की पढ़ाई,अब मर्चेंट नेवी में कैप्टन बनें रोहित- बढ़ाया मान

2009 में रोहित ने पहली बार रखा जहाज पर कदम

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Merchant Navy Captain Rohit Jaswal

ऊना। हिमाचल प्रदेश के होनहार अपनी प्रतिभा, अनुशासन और मेहनत के दम पर दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। अब इसी धरती के एक और बेटे ने अपनी उपलब्धि से प्रदेश की शान और ऊंची कर दी है। जनपद ऊना के बसोली गांव के निवासी रोहित जसवाल मर्चेंट नेवी में कैप्टन बन गए हैं।

गांव के बेटे की बड़ी उपलब्धि

रोहित का बचपन बसोली गांव की शांत वादियों में बीता। पिता केवल सिंह जसवाल और माता निर्मला जसवाल के संस्कारों ने उन्हें हमेशा मेहनत और सादगी का मार्ग दिखाया। सरकारी प्राथमिक विद्यालय बसोली से कक्षा सात तक पढ़ाई करने वाले रोहित बचपन से ही जिज्ञासु और मेहनती रहे। 

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नेवी में जाने का देखा सपना

सीमित संसाधनों के बीच पढ़ाई जारी रखते हुए उन्होंने बड़े सपने देखना कभी नहीं छोड़ा। आगे की पढ़ाई उन्होंने डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना से पूरी की, जहां 2006 में उन्होंने जमा दो की परीक्षा उत्तीर्ण की। यही वह दौर था जब समुद्र की विशाल दुनिया और नेवी में करियर बनाने का सपना उनके भीतर आकार लेने लगा। 

जिंदगी में आया नया मोड़

साल 2008 में रोहित ने इंडियन मेरीटाइम यूनिवर्सिटी (IMU) की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की और चेन्नई स्थित HIMT में बीएससी नॉटिकल साइंस में दाखिला लिया। यह उनके करियर का निर्णायक मोड़ था। यहां कड़ी ट्रेनिंग, कठोर अनुशासन, समुद्री नियमों की जटिल पढ़ाई और शारीरिक क्षमता की निरंतर कसौटी ने उन्हें एक सधे हुए समुद्री अधिकारी के रूप में ढालना शुरू कर दिया।

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2009 में पहली बार रखा जहाज पर कदम

साल 2009 में जब रोहित ने पहली बार कैडेट के रूप में किसी जहाज पर कदम रखा, तभी से उनके समुद्री सफर की असली शुरुआत हो गई। यह कदम सिर्फ नौकरी की शुरुआत नहीं, बल्कि जीवन की नई पहचान था।

16 साल का संघर्ष

लगातार 16 वर्षों तक दुनिया के अलग-अलग समुद्री रूट पर सफर करते हुए रोहित ने कई तरह की परिस्थितियों का सामना किया। कभी खतरनाक तूफान, कभी ऊंची लहरें- तो कभी तकनीकी चुनौतियां और सुरक्षा संबंधी जोखिम।

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समुद्री जहाज पर बढ़ती जिम्मेदारियां, नए क्रू के साथ काम, आपात स्थितियों में तुरंत निर्णय, और माल ढुलाई के दौरान सुरक्षा- इन सबने उन्हें एक भरोसेमंद और कुशल अधिकारी के रूप में स्थापित किया।

कैप्टन के रैंक तक पहुंचना नहीं आसान

कड़ी परीक्षाओं, वर्षों की ड्यूटी, अथक प्रशिक्षण और उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद रोहित को मर्चेंट नेवी में कैप्टन के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है। इस पद तक पहुंचना न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह दर्शाता है कि रोहित आज एक पूरे जहाज, सैकड़ों क्रू मेंबर्स और करोड़ों की जिम्मेदारियों की बागडोर संभालने की क्षमता रखते हैं।

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परिवार और प्रदेश के लिए गर्व का क्षण

रोहित अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों, दोस्तों और उन सभी लोगों को देते हैं जिन्होंने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। कुछ साल पहले रोहित की मां का निधन हो गया था। मां के आशीर्वाद, पिता के अनुशासन और परिवार के समर्थन ने उन्हें हर चुनौती में आगे बढ़ने की शक्ति दी।

पूरे हिमाचल को रोहित पर गर्व

बसोली गांव ही नहीं, पूरा ऊना जिला और हिमाचल प्रदेश आज रोहित की इस कामयाबी पर गौरवान्वित है। उनकी उपलब्धि प्रदेश के उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का साहस रखते हैं।

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युवाओं के लिए बने प्रेरणा

रोहित जसवाल का सफर यह संदेश देता है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो, मेहनत ईमानदार हो और हौसला मजबूत हो- तो गांव की छोटी पगडंडियों से निकलकर भी कोई दुनिया के सबसे बड़े समुद्री जहाज का नेतृत्व संभाल सकता है।

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