#अपराध

December 3, 2025

हिमाचल में खुली लूट- खोखले हो रहे पहाड़, अवैध खनन के आंकड़े देख डर जाएंगे आप

खनन नीति में सुधार से बढ़ रहा राजस्व- अदालतों में कई मामले

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Himachal Illegal Mining Cases

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। पिछले दो सालों में सरकार ने अवैध खनन के करीब 1108 मामले दर्ज किए हैं और लगभग 1.80 करोड़ रुपये का जुर्माना भी बसूला है।

अवैध खनने पर कसी नकेल

दरअसल, सदन में विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने अवैध खनन पर हुई कार्रवाई, राजस्व वृद्धि और नए बदलावों का पूरा ब्योरा पेश किया। आंकड़े बताते हैं कि सरकार ने इस अवैध गतिविधि पर न सिर्फ नकेल कसी है बल्कि खनन क्षेत्र से मिलने वाले राजस्व में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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अवैध खनन के 1108 मामले दर्ज

जनवरी 2023 से 31 जुलाई 2025 तक प्रदेश में कुल 1108 अवैध खनन मामलों का पता चला। इनमें से 711 मामलों में विभाग ने 1.80 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। जबकि, 395 मामले अदालतों में भेजे गए हैं।

अदालतों में कई मामले

अदालतों ने अब तक 128 मामलों का निपटारा करते हुए कुल 57 करोड़ 72 लाख 500 रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। इसके अतिरिक्त 269 मामले अभी भी अदालतों में लंबित हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि अवैध खनन की शिकायतें बढ़ी हैं लेकिन सरकार की सख्ती के चलते अब हर शिकायत पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।

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कई वाहन भी जब्त किए

अवैध खनन में उपयोग किए जाने वाले साधनों पर भी विभाग ने सख्त कार्रवाई की। विभाग ने अवैध खनन करने वाले कई वाहनों को जब्त किया- जिसमें 99 JCB मशीनें जब्त और सात वाहन भी पकड़े गए। यह कार्रवाई संकेत देती है कि अवैध खनन की जड़ें गहरी हैं, जहां मशीनरी का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। लेकिन पकड़ी गई मशीनरी विभाग की निगरानी और प्रभावी जांच का प्रमाण है।

खनन नीति में सुधार से बढ़ रहा राजस्व

सरकार ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में खनन नीति में सुधार किए गए, जिसके कारण राजस्व में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। सिर्फ तीन वर्षों में खनन राजस्व में लगभग 45% से अधिक वृद्धि के यह आंकड़े प्रदेश में खनन नीति की मजबूती को दर्शाते हैं।

  • वित्त वर्ष    खनन से प्राप्त राजस्व
  • 2022-23: ₹241.57 करोड़
  • 2023-24: ₹314.42 करोड़
  • 2024-25: ₹354.46 करोड़
  • 2025-26 (22 नवंबर तक): ₹196.07 करोड़

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स्टोन क्रशर चलाने के लिए क्या जरूरी?

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि स्टोन क्रशर संचालित करने के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति आवश्यक नहीं है, लेकिन खनन पट्टा जारी करने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी अनिवार्य है। प्रदेश में वर्तमान में 633 स्वीकृत खनन पट्टे मौजूद हैं। क्रशरों को लीज पर देने का कोई प्रावधान नहीं है, यानी केवल वही व्यक्ति क्रशर चला सकता है जिसके पास वैध खनन स्रोत और कानूनी अनुमतियां हों।

अवैध खनन पर सख्ती जारी रहेगी

सरकार ने सदन में कहा कि अवैध खनन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जहां भी शिकायत मिलेगी, वहां तत्काल कार्रवाई होगी। मशीनरी जब्त करना, भारी जुर्माना और अदालतों में नियमित रूप से रिपोर्ट भेजना इसी नीति का हिस्सा है।

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