#उपलब्धि
September 7, 2025
हिमाचल: सैनिक परिवार का बेटा मनीष सेना में बना लेफ्टिनेंट, सियाचिन में मिली पहली तैनाती
हवलदार पिता और सूबेदार दादा की विरासत को मनीष ने बढ़ाया आगे
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के पच्छाद उपमंडल की कटली पंचायत के छोटे से गांव दसाना से संबंध रखने वाले मनीष धीमान ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न केवल अपने परिवार] बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। हाल ही में सैन्य अकादमी से पासिंग आउट परेड के बाद मनीष को दुनिया के सबसे दुर्गम और चुनौतीपूर्ण माने जाने वाले सैन्य क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में पहली पोस्टिंग मिली है।
मनीष धीमान का यह सफर केवल उनकी मेहनत और लगन की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस समर्पण और अनुशासन का प्रतीक है, जो एक सैनिक परिवार में पलने-बढ़ने से मिलता है। मनीष के पिता विद्या प्रकाश भारतीय सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हैं, जबकि उनके स्वर्गीय दादा संतराम धीमान सेना में सूबेदार के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। परिवार की इस सैन्य पृष्ठभूमि ने मनीष को शुरू से ही राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया।
मनीष की मां बिमला देवी एक गृहिणी हैं और बेटे की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बेहद गर्वित हैं। मनीष परिवार के दो बेटों में बड़े हैं, जबकि छोटा भाई साहिल वर्तमान में पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।
मनीष के पिता ने बताया कि बचपन से ही उनके बेटे का सपना था कि वह भारतीय सेना में एक अधिकारी बने और देश की सेवा करे। इस सपने को साकार करने के लिए मनीष ने कठिन प्रशिक्षण और पढ़ाई के साथ खुद को तैयार किया। पासिंग आउट परेड के दौरान जब उनके कंधों पर स्टार लगे, तो यह क्षण पूरे परिवार के लिए भावुक और गौरवपूर्ण बन गया।
हिमाचल प्रदेश को देश का “वीरभूमि” कहा जाता है, जहां के युवा पीढ़ियों से सेना में भर्ती होकर देश सेवा का गौरव प्राप्त करते आए हैं। सोलन, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और सिरमौर जैसे जिलों के हजारों युवा भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस सेवाओं में कार्यरत हैं। सेना में अधिकारी स्तर पर चयनित होना हालांकि आसान नहीं होता, लेकिन मनीष जैसे युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि अगर जज्बा हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
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मनीष धीमान की इस उपलब्धि पर दसाना गांव और आसपास के क्षेत्रों में खुशी की लहर है। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों और ग्रामीणों ने मनीष को बधाइयां दी हैं। गांव में मनीष को एक प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है, और युवाओं को उनसे सीख लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।