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September 6, 2025
हिमाचल: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का बेटा सेना में बना लेफ्टिनेंट, कड़ी मेहनत से सच किए सपने
गांव प्रदेश का नाम किया रोशन, सीएम सुक्खू ने भी दी बधाई
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हमीरपुर। कहते हैं कि हौसले हों अगर बुलंद, तो रस्ता खुद बन जाता है, हर ठोकर पर गिर कर भी इंसान संभल जाता है। मेहनत के पसीने से जो सपने सींचे जाते हैं, वो तारे भी ज़मीन पर उतर कर मिल जाते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है हिमाचल के होनहार युवक रोहित शर्मा ने। रोहित शर्मा ने हर बाधा को पार करते हुए आज वह मुकाम हासिल किया है, जिसे पाने के लिए कई युवा सोचते तो जरूर हैं, लेकिन मंजिल तक नहीं पहुंच पाते।
दरअसल हमीरपुर जिला के नादौन उपमंडल के रंघाड़ गांव के रोहित शर्मा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। भारतीय सेना में इतना बड़ा पद हासिल कर रोहित शर्मा ने ना सिर्फ अपने परिवार का बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया है। इतना ही ही नहीं रोहित शर्मा हर उस युवा के लिए प्रेरणा बन गए हैं, जो आगे चलकर भारतीय सेना में बड़े पद को हासिल करना चाहता है।
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बता दें कि हिमाचल प्रदेश के होनहार युवा आज शिक्षा, विज्ञान, खेल और रक्षा क्षेत्र में जिस तरह से अपने परिश्रम और समर्पण से ऊंचाइयों को छू रहे हैं, वह पूरे देश के लिए प्रेरणादायक बनता जा रहा है। इन्हीं चमकते सितारों में एक नाम अब रोहित शर्मा का भी जुड़ गया है, जिन्होंने भारतीय सेना में अधिकारी बनकर अपने छोटे से गांव रंघाड़ को राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाई है।
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रोहित शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रंघाड़ गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की, जिसके बाद वे जवाहर नवोदय विद्यालय डुंगरी में चयनित हुए, जहां से उन्होंने छठी से बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई की। शिक्षा में सदैव अव्वल रहने वाले रोहित का चयन देश के प्रतिष्ठित संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए हुआ, जहां से उन्होंने तकनीकी शिक्षा प्राप्त की।
रोहित एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनकी माता ममता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जबकि पिता अजीत कुमार निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनका छोटा भाई मोहित शर्मा भी एक निजी कंपनी में कार्य कर रहा है। रोहित ने अपने जीवन में अनुशासन, परिश्रम और परिवार के मूल्यों को हमेशा सर्वोपरि रखा। वे कहते हैं कि मेरे इस सफर में मेरे दादा-दादी, स्वर्गीय बासुदेव शर्मा और स्वर्गीय कलावती तथा मेरे माता.पिता की भूमिका सबसे अहम रही है। उनका आशीर्वाद और समर्थन ही मेरी सबसे बड़ी ताकत रही है।
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इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जो स्वयं नादौन विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, ने रोहित शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि नादौन के रंघाड़ गांव के युवा रोहित शर्मा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। उनकी यह सफलता अन्य युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। मैं उन्हें और उनके परिवार को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।
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यह कोई अकेली कहानी नहीं है। हिमाचल प्रदेश के युवा अब सिर्फ पारंपरिक क्षेत्रों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सेना, प्रशासन, विज्ञान, तकनीक, अंतरिक्ष, चिकित्सा और खेल के क्षेत्र में भी अपनी अमिट छाप छोड़ रहे हैं। बदलते समय के साथ हिमाचली युवाओं की सोच भी बदल रही है, वे बड़े सपने देख रहे हैं और उन्हें सच करने के लिए कठिन परिश्रम भी कर रहे हैं।