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November 5, 2025

हिमाचल के गांव की बेटी बनी सरकारी अफसर, 3 साल तक मिली हार- अब देशभर में पाया 13वां रैंक

हैदराबाद स्थित भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के प्रशिक्षण केंद्र में सेवाएं देंगी राधिका

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Mandi Radhika Gupta UPSC

मंडी। कहते हैं कि मेहनत की राहों में, मुश्किलों के मेले थे, कदम डगमगाए सही, मगर हौसले अकेले थे। यह शब्द बखूबी बयां करते हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की बेटी राधिका गुप्ता के जीवन को।

हर सपना हो सकता है पूरा

सुंदरनगर उपमंडल की बेटी राधिका गुप्ता ने अपनी कड़ी मेहनत और अटूट जज्बे के दम पर यह साबित कर दिया है कि सपनों को पूरा करने के लिए बस दृढ़ इच्छाशक्ति और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है।

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UPSC में राधिका ने पाया 13वां रैंक

राधिका ने UPSC द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित परीक्षा में देशभर में 13वीं रैंक हासिल कर हिमाचल का नाम एक बार फिर रोशन किया है। उनकी इस उल्लेखनीय उपलब्धि के बाद उनका चयन भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) में भूवैज्ञानिक के पद पर हुआ है।

परिवार में जश्न और गर्व का माहौल

राधिका सुंदरनगर निवासी नरेंद्र गुप्ता (सेवानिवृत्त सहायक अभियंता, हिमाचल प्रदेश विद्युत विभाग) और कंचन गुप्ता (गृहिणी) की सुपुत्री हैं। घर में इस उपलब्धि के साथ खुशी और गर्व का वातावरण है। माता-पिता ने कहा यह हमारे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। बेटी ने अपनी मेहनत से हमारे नाम के साथ-साथ पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। अफसर बेटी को देख माता-पिता भावुक हो गए।

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शिक्षा में हमेशा रही मेधावी

राधिका ने अपनी पढ़ाई पूरी तरह सुनियोजित और लक्ष्य केंद्रित रखी। उनका शैक्षणिक सफर लगातार उत्कृष्टता से भरा रहा। उन्होंने-

  • प्रारंभिक शिक्षा: DAV पब्लिक स्कूल, सुंदरनगर
  • जमा दो: महावीर पब्लिक स्कूल, सुंदरनगर
  • BSC. एवं MSC.: पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
  • M.Tech: IIT खड़गपुर

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तीन साल की संघर्ष यात्रा

राधिका ने बताया कि उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए लगातार तीन वर्षों तक अनुशासित दिनचर्या, गहन अध्ययन और स्व-परीक्षण की प्रक्रिया को अपनाया। कभी रैंक कम आई, तो कभी चयन न हो पाया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

असफलताओं से न डरी

राधिका कभी असफलताओं से नहीं डरी। युवाओं को सफलता का मूलमंत्र देते हुए राधिका ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। बस रोज़ थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ते रहो। खुद पर विश्वास रखो, यही सबसे बड़ी ताकत है।

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परिवार से मिला साहस और प्रेरणा

राधिका ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और निरंतर आत्मविश्वास को दिया है। उनके बड़े भाई, जो B.Tech और MBA करने के बाद हैदराबाद की एक MNC में कार्यरत हैं, राधिका के लिए प्रेरणास्रोत रहे।

जल्द संभालेंगी नई जिम्मेदारी

राधिका 25 नवंबर को हैदराबाद स्थित भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के प्रशिक्षण केंद्र में पदभार ग्रहण करेंगी। वहां से उनकी नई जिम्मेदारियों और करियर का औपचारिक आरंभ होगा राधिका की सफलता ने न केवल सुंदरनगर, बल्कि पूरे मंडी जिला और हिमाचल प्रदेश में गर्व की भावना भर दी है। सोशल मीडिया और स्थानीय समुदायों में उनके सम्मान में बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई है।

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