#हादसा
November 5, 2025
हिमाचल : कीर्तन करते वक्त ट्रॉली के नीचे आया 16 साल का लड़का, मौके पर ही तोड़ दिया दम
त्योहार के दिन परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
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ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला से एक दुखद खबर सामने आई है। यहां औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल में मंगलवार को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव के अवसर पर निकाले जा रहे नगर कीर्तन का माहौल अचानक मातम में बदल गया।
भजन-कीर्तन, शब्द गायन और श्रद्धालुओं की जयकारों के बीच एक 16 वर्षीय किशोर की ट्रॉली के टायरों के नीचे आने से मौके पर ही मौत हो गई। घटना से पूरे इलाके में गहरा शोक व्याप्त हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, नगर कीर्तन दोपहर के समय टाहलीवाल से संतोखगढ़ की ओर जा रहा था। श्रद्धालुओं की लंबी कतार, कीर्तन जत्थों की मधुर आवाजें और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ सजा हुआ जुलूस धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा था।
जब नगर कीर्तन ड्रीम लैंड पैलेस के समीप पहुंचा, उसी दौरान परविंदर सिंह (उम्र 16 वर्ष), पुत्र अवतार सिंह, निवासी गांव मजारा, ट्रैक्टर-ट्रॉली से नीचे उतरने की कोशिश कर रहा था।बताया जा रहा है कि उतरते समय उसका पैर फिसल गया और वह अचानक असंतुलित होकर ट्रॉली के पहियों के नीचे आ गया।
पहियों के उतरते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही पलों में आसपास के श्रद्धालुओं ने नगर कीर्तन रोक दिया और घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। टाहलीवाल पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भेजा।
DSP हरोली मोहन रावत ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जुलूस में मौजूद लोगों से बयान लिए जा रहे हैं, ताकि हादसे की परिस्थितियों की पुष्टि की जा सके।इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव मजारा ही नहीं, बल्कि पूरे टाहलीवाल और आसपास के क्षेत्र में गम का माहौल है।
नगर कीर्तन में उपस्थित श्रद्धालुओं ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम में इस तरह की दुर्घटना किसी के लिए भी बेहद पीड़ादायक है। कई लोग परविंदर के घर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं। स्थानीय सामाजिक संगठनों और गुरुद्वारा प्रबंधन से जुड़े लोगों ने भी परिवार को हर संभव मदद देने की बात कही है।
घटना के बाद यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि नगर कीर्तन जैसे बड़े धार्मिक जुलूस में वाहनों पर बैठने-उतरने, भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा दिशानिर्देशों के पालन को लेकर और सजग रहने की जरूरत है। स्थानीय लोग मानते हैं कि यदि वाहन पर चढ़ने-उतरने के दौरान सतर्कता और निगरानी ज्यादा होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।