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December 13, 2025

हिमाचल: वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनी गांव की बेटी, दादा-दादी का साकार किया सपना

ऐशिता शर्मा ने पास की ।थ्ब्।ज् परीक्षाए मैरिट सूची में हासिल किया 12वां स्थान

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कांगडा। कहते हैं कि हौसले बुलंद हों तो पहाड़ भी राह बन जाते हैं। सपनों की उड़ान जब आसमान छू ले तो बेटियां भी इतिहास रच जाती हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल के कांगड़ा जिला की होनहार बेटी एशिता शर्मा ने। यह बेटी हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी अंचल में बसे एक छोटे से गांव से निकलकर देश की सुरक्षा में आसमान की जिम्मेदारी संभालने जा रही है। कांगड़ा जिला के नूरपुर क्षेत्र की बेटी ऐशिता शर्मा का चयन भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में हुआ है। गांव की इस बेटी ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है।

 

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जिला कांगड़ा के डन्नी क्षेत्र की रहने वाली ऐशिता ने अखिल भारतीय मैरिट सूची में 12वां स्थान हासिल कर यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और देशभक्ति के जज्बे के आगे कोई भी मंज़िल दूर नहीं। उन्होंने ना सिर्फ अपने परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है, बल्कि अपने बुजुर्ग दादा दादी का सपना भी साकार कर दिया है। 

छोटे गांव की बेटी बड़ी कामयाबी

ऐशिता शर्मा की इस उपलब्धि के बाद उनके गांव से लेकर पूरे नूरपुर क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है। लोग इसे हिमाचल की बेटियों के हौसलों की जीत बता रहे हैं। जिस गांव से बड़े सपने देखना भी आसान नहीं होता, वहां की बेटी ने वायुसेना की वर्दी पहनकर इतिहास रच दिया है। गांव के लोगों का कहना है कि ऐशिता से अन्य बेटियों को भी प्रेरणा मिलेगी।

 

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पढ़ाई में भी रहीं अव्वल

ऐशिता की शैक्षणिक यात्रा भी उतनी ही प्रेरणादायक रही है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा (जमा दो तक) केंद्रीय विद्यालय, चंडीगढ़ से पूरी की। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से संबद्ध सीसीईटी कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीई की डिग्री हासिल की। तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ उनके भीतर देश सेवा का जुनून लगातार मजबूत होता चला गयाए जिसने उन्हें वायुसेना तक पहुंचाया।

कठिन परीक्षाए मजबूत इरादा

ऐशिता का चयन भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित ।AFCAT परीक्षा के माध्यम से हुआ। लिखित परीक्षाए साक्षात्कार और चिकित्सीय परीक्षण जैसी कठिन प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पार कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। यह चयन उनके आत्मविश्वास और निरंतर मेहनत का परिणाम है।

 

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परिवार से मिला देश सेवा का जज्बा

देश सेवा का जज्बा ऐशिता को विरासत में मिला है। उनके पिता राजीव शर्मा वर्तमान में भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे रहे हैं। घर में अनुशासन, राष्ट्रप्रेम और कर्तव्यनिष्ठा का माहौल बचपन से ही उन्हें प्रेरित करता रहा। इस उपलब्धि ने उनके दादा कुलदीप चंद शर्मा और दादी कल्याण देवी का वह सपना भी साकार कर दिया है, जिसमें वे अपनी पोती को वायुसेना की वर्दी में देखने की ख्वाहिश रखते थे। आज पूरे परिवार का सीना गर्व से चौड़ा है।

जनवरी 2026 से शुरू होगा प्रशिक्षण

अब ऐशिता शर्मा अपने जीवन के नए और गौरवपूर्ण अध्याय की शुरुआत करेंगी। वह जनवरी 2026 से वायु सेना अकादमी सिकंदराबाद (हैदराबाद) में अपना आधिकारिक प्रशिक्षण शुरू करेंगी, जहां से वह देश की सेवा के लिए पूरी तरह तैयार होकर निकलेंगी।

 

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हिमाचल की बेटियों के लिए प्रेरणा

ऐशिता की सफलता हिमाचल की उन तमाम बेटियों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखती हैं। यह कहानी बताती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो छोटे गांव भी देश के लिए बड़े अफसर दे सकते हैं।

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