#हादसा
July 19, 2025
हिमाचल में उजड़ा एक परिवार: बाप-बेटे ने एक साथ त्यागे प्राण, पुलिया से टकराई बाइक
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, एक साथ होगा बाप बेटे का अंतिम संस्कार
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देहरा (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के हरिपुर क्षेत्र में शनिवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। देहरा.हरिपुर मुख्य मार्ग पर खैरियां और सपड़ू गांव के बीच एक संकरी पुलिया पर हुए इस हादसे में एक ही परिवार के दो सदस्यों पिता और पुत्र की असमय मृत्यु हो गई। यह घटना प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों की उस चिंताजनक कड़ी का हिस्सा है, जो आए दिन किसी न किसी घर में मातम छोड़ जाती है।
मृतकों की पहचान चौरड़ी गांव निवासी 22 वर्षीय साहिल और 65 वर्षीय प्यारे लाल के रूप में हुई है। बताया गया कि साहिल देहरा में एक निजी कार्य से जा रहा था। रास्ते में किसी काम के चलते उसके पिता भी बेटे के साथ ही बाइक पर घर से निकले थे। दोनों बाइक पर सवार होकर जैसे ही खैरियां.सपड़ू पुलिया तक पहुंचे, तभी हादसा हो गया।
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प्रारंभिक जांच के अनुसार दुर्घटना के समय एक जानवर के अचानक सड़क पर आ जाने से साहिल ने बाइक से नियंत्रण खो दिया और वाहन सीधे पुलिया से टकरा गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि प्यारे लाल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि साहिल गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों द्वारा तुरंत उसे टांडा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां कुछ घंटों बाद उसने भी दम तोड़ दिया।
इस हादसे ने एक परिवार पर दुखों का पहाड़ बरसा दिया है। परिवार ने एक साथ अपने घर के दो लोगों को खो दिया है। इस घटना से पूरे क्षेत्र में गमगीन माहौल बन गया है। बताया जा रहा है कि एक ही घर से पिता पुत्र की दो अर्थियां एक साथ उठेंगी और दोनों का स्थानीय श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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हादसे की सूचना मिलते ही हरिपुर थाना से पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। देहरा के एसपी मयंक चौधरी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी पहलुओं से जांच की जा रही है और सड़क की संरचना, दृश्यता तथा क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
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यह हादसा उस बढ़ती समस्या की ओर संकेत करता है, जो अब हिमाचल जैसे शांत प्रदेश को भी अपनी चपेट में ले चुकी है। बीते कुछ महीनों में पहाड़ी जिलों में सड़क हादसों में निरंतर वृद्धि हुई है, जिनमें जान.माल का भारी नुकसान हुआ है। कभी तेज रफ्तार, तो कभी खराब सड़कें, और कई बार पशुओं का सड़कों पर आवागमन ये सभी कारण मिलकर लगातार जानलेवा साबित हो रहे हैं।
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यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना केवल एक परिवार का दुःख नहीं है, बल्कि यह प्रदेश में सड़क सुरक्षा की स्थिति का एक जीवंत उदाहरण है। यदि समय रहते प्रशासन, स्थानीय निकाय और नागरिक मिलकर सजग नहीं हुए, तो यह आंकड़े केवल रिपोर्टों में नहीं, बल्कि हर घर की वास्तविकता में बदलते जाएंगे।