#हादसा
July 13, 2025
हिमाचल: परिवार ने खो दी 14 साल की लाडली बेटी, आधी रात को हुई अनहोनी; जानें क्या
आधी रात को अस्पताल लेकर भागे थे माता-पिता, पर नहीं बच पाई बेटी
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में बरसात का मौसम शुरू होते ही ना सिर्फ प्राकृतिक आपदा में लोगों की मौत हो रही है। बल्कि सांप के काटने से भी कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हिमाचल के बिलासपुर जिला से सामने आया है। यहां दादी के साथ सो रही एक 14 साल की लड़की की सांप के काटने से मौत हो गई है। बड़ी बात यह है कि पिछले एक सप्ताह में यह तीसरा मामला सामने आया है। इससे पहले ऊना और हमीरपुर जिला में भी 10 और 4 साल के बच्चों की सांप के काटने से मौत हो चुकी है।
बिलासपुर जिला की उप तहसील भराड़ी की डंगार पंचायत के रोपड़ी गांव से सामने आए इस मामले ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। वहीं लाडली बेटी का शव देख कर परिजनों के आंसू नहीं रूक रहे हैं। बताया जा रहा है कि रोपड़ी गांव की 14 साल की पलक बीती रात को अपने स्कूल का काम कर रही थी। अपना काम खत्म कर वह दादी के पास सोने चली गई।
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परिजनों के अनुसार आधी रात को करीब दो बजे पलक का अचानक गला सूखने लगा और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जिसके बारे में उसने अपनी दादी को बताया। दादी और अन्य परिजनों ने जब पलक के शरीर की जांच की तो उसकी टांग पर सांप के काटने का स्पष्ट निशान मिला। जिस पर परिजनों ने बिना समय गंवाए उसे तुरंत घुमारवीं अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
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अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकरी मिलते ही पुलिस थाना भराड़ी की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आगामी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आज रविवार को शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है और मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। घुमारवीं के डीएसपी चंद्रपाल सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी। परिजनों के बयान दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया।
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पलक के पिता सोनी राम किसानी से जुड़े हुए हैं और उनकी एक छोटी बेटी भी है। अचानक हुई इस त्रासदी ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। पलक न केवल पढ़ाई में अव्वल थी, बल्कि वह गांव और स्कूल दोनों जगहों पर अपनी सादगी और समझदारी के लिए जानी जाती थी। उसकी आकस्मिक मौत से न केवल उसका परिवार, बल्कि पूरा गांव स्तब्ध है।
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घटना के बाद रोपड़ी गांव और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस दुखद हादसे को देखते हुए प्रभावित परिवार को उचित आर्थिक सहायता और राहत प्रदान की जाए। लोगों ने यह भी सुझाव दिया कि गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में विषैले जीवों के काटने से बचाव के लिए जरूरी दवाएं व उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
बता दें कि इससे पहले पांच जुलाई को ऊना जिला के अंब के जवार क्षेत्र में एक चार साल के मासूम बच्चे की सांप के काटने से मौत हो गई थी। इस बच्चे को सांप ने उस समय काटा था जब वह घर के आंगन में खेल रहा था। इसी दौरान उसे सांप ने काट लिया और उसकी मौत हो गई। वहीं हमीरपुर जिला में अभी तीन दिन पहले ही एक 10 साल के बच्चे की सांप के काटने से मौत हो गई थी। यह घटना हमीरपुर जिला के उपमंडल नादौन के दाड़ गांव की है।