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June 19, 2025
हिमाचल में दो दिन बाद दस्तक देगा मानसून, पांच जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी
अगले पांच दिन जमकर बरसेंगे बादल
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है। प्रदेश के ऊपर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) कल से सक्रिय हो जाएगा, जिससे आगामी पांच दिनों तक बारिश का दौर शुरू होगा। हिमाचल में जल्दी ही मानसून भी दस्तक देने वाला है।
मौसम विभाग के अनुसार, विशेष रूप से 21 से 23 जून के बीच भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यह चेतावनी खासकर शिमला, सिरमौर, हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर जिलों के लिए दी गई है, जहां भारी वर्षा से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
हालांकि, आज प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ रहने का अनुमान है। शिमला, धर्मशाला, सोलन जैसे क्षेत्रों में सुबह से ही तेज धूप खिली रही। मगर मौसम विभाग का कहना है कि कल से वायुमंडलीय स्थितियों में बदलाव देखने को मिलेगा। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल छाने लगेंगे और बारिश की शुरुआत होगी।
मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन चुकी हैं। उन्होंने बताया कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो इस बार मानसून निर्धारित तिथि से चार से पांच दिन पहले हिमाचल पहुंच सकता है। हिमाचल प्रदेश में 20-21 जून को मानसून प्रवेश की संभावना बन गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में मानसून के प्रवेश की सामान्य तिथि 25 जून मानी जाती है। वर्ष 2024 में मानसून 27 जून को पहुंचा था, लेकिन इस बार इसके 21 या 22 जून तक दस्तक देने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज दिन के तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है। मगर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के सक्रिय होते ही प्रदेशभर में तापमान में 4 से 5 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी। इससे गर्मी से राहत मिलेगी और पहाड़ी इलाकों में मौसम सुहावना हो जाएगा।
पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई भागों में प्री-मानसून बारिश दर्ज की गई, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। खासकर मध्य और निचले हिमाचल में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हवा में नमी बढ़ी है, जिससे शाम के समय ठंडक का अहसास होने लगा है।
भारी बारिश की संभावना को देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। खासकर भूस्खलन संभावित क्षेत्रों, नदी-नालों के किनारे बसे गांवों और हिल सड़कों पर यात्रा कर रहे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।