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May 1, 2025
हिमाचल के लिए 6 दिन भारी, बारिश का येलो अलर्ट जारी- बिजली गिरने और आंधी की भी चेतावनी
जान-माल के नुकसान का खतरा बना हुआ है
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। आज सुबह से ही धर्मशाला, शिमला समेत कई इलाकों में मौसम सुहावना बना हुआ है और ठंडी हवाएं चल रही हैं। इसी बीच मौसम विभाग ने आने वाले छह दिनों तक राज्य के अधिकतर हिस्सों में बारिश, आंधी-तूफान और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 28 अप्रैल से लेकर 6 मई तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम बिगड़ा रहेगा। इस दौरान 4, 5 और 6 मई को प्रदेश के अधिकांश भागों में मध्यम से भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलने के आसार हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी छह दिन राज्य के लिए संवेदनशील माने जा सकते हैं। इन दिनों तेज हवाएं चलने की संभावना है, जो विशेष रूप से खुले क्षेत्रों और पर्वतीय इलाकों में नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके साथ ही बिजली गिरने की चेतावनी भी दी गई है, जिससे जान-माल के नुकसान का खतरा बना हुआ है।
आज 28 अप्रैल को विभाग ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, 29 अप्रैल को इन जिलों के साथ ऊना और हमीरपुर को भी चेतावनी की सूची में शामिल किया गया है। इसके बाद 3 और 4 मई को लाहौल-स्पीति को छोड़कर शेष सभी 11 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
बीते 24 घंटे के दौरान भी प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी और तूफानी हवाओं का दौर देखने को मिला। शिमला के ठियोग और कोटखाई इलाकों में हल्की बारिश हुई है, जबकि कुफरी में 65 किमी प्रतिघंटा, कोटखाई में 48 किमी, रिकांगपिओ में 46 किमी, बजौरा (कुल्लू) में 43 किमी और नारकंडा में 39 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चली हैं।
राज्य में इस समय सेब, आड़ू, नाशपाती, खुमानी जैसी फलों की फसलें फूलने और फल बनने के शुरुआती चरण में हैं। ऐसे में ओलावृष्टि, तेज बारिश या तूफान से फूल और छोटे फल झड़ सकते हैं, जिससे उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा। बागवानी विभाग ने बागवानों से अपील की है कि वे पेड़ों की सुरक्षा के लिए जाल या नेटिंग व्यवस्था कर लें और कीटनाशकों या पोषक तत्त्वों के छिड़काव को फिलहाल टाल दें।
कृषि विभाग ने भी किसानों को सलाह दी है कि वे गेहूं की फसल की कटाई में जल्दबाज़ी न करें और तैयार अनाज को खुले में न रखें। जिन क्षेत्रों में लहसुन, प्याज या आलू की खुदाई चल रही है, वहां अस्थायी शेड या ढकने की व्यवस्था करनी चाहिए।
विभागीय अधिकारी लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे मौसम की ताजा जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट या स्थानीय प्रशासन की सूचनाओं पर नजर रखें। मौसम का यह बदला रुख ना केवल फसलों पर असर डालेगा, बल्कि बिजली, यातायात और पर्यटन गतिविधियों को भी प्रभावित कर सकता है।