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June 25, 2025

हिमाचल: घर बैठे एक मिनट में खुल जाएगा नशेड़ी का राज, पुलिस बांटेगी फ्री ड्रग टेस्ट किट

नशे की लत का संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है

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Urine Drug Testing Kit

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में नशे का प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। आज बड़ी तादाद में युवा नशे के दलदल में फंस चुके हैं- जो कि बेहद चिंताजनक बात है। इसी को देखते हुए हिमाचल के बिलासपुर जिला की पुलिस टीम ने युवाओं को नशे के दलदल से बचाने के एक नई पहल शुरू की है।

चिट्टे के दलदल में फंस रहे युवा

आपको बता दें कि कोई व्यक्ति चिट्टा लेता है या नहीं- अब इस बात का पता महज एक मिनट में लग जाएगा। अब इसके लिए घंटों लंबी जांच प्रक्रिया का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बिलासपुर पुलिस की इस पहल को अत्यंत प्रभावी माना जा रहा है।

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दिन-ब-दिन गहरा रहा संकट

दरअसल, बिलासपुर जिले में नशे की लत का संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है। खासकर युवा वर्ग और स्कूली बच्चे इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। चिट्टा, चरस, स्मैक, अफीम और भुक्की जैसे घातक नशे गांव-गांव तक पहुंच चुके हैं।

यूरिन ड्रद टेस्टिंग किट

इन हालातों से निपटने के लिए बिलासपुर पुलिस ने अब एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। जिले में यूरिन ड्रग टेस्टिंग किट को निशुल्क वितरित किया जा रहा है, जिससे महज एक मिनट में यह पता लगाया जा सकेगा कि कोई व्यक्ति नशे की गिरफ्त में है या नहीं।

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घर बैठे कर सकते हैं जांच

यह किट न केवल पुलिस कार्रवाई का हिस्सा है, बल्कि समाज को जागरूक और सजग बनाने की एक सशक्त पहल भी है। इसकी मदद से माता-पिता अब घर बैठे अपने बच्चों की जांच कर सकते हैं, बिना किसी मेडिकल लैब या अस्पताल का सहारा लिए।

कैसे काम करती है यह किट?

इस किट की मदद से आप एक मिनट में जांच कर सकते हैं। ऐसे करें इस किट को इस्तेमाल-

  • यह यूरिन ड्रग टेस्टिंग किट बिल्कुल प्रेगनेंसी किट की तरह सरल तकनीक पर आधारित है।
  • किट में छह अलग-अलग खांचे होते हैं, जो अलग-अलग नशीले पदार्थों की पहचान करते हैं।
  • जांच के लिए व्यक्ति के 2-3 बूंद यूरिन की आवश्यकता होती है।
  • यदि यूरिन में किसी विशेष ड्रग की मौजूदगी पाई जाती है, तो संबंधित खांचा लाल रंग में बदल जाता है।

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किट के मुख्य फायदे

  • तुरंत परिणाम: एक मिनट में मिलती है रिपोर्ट।
  • सरल प्रयोग: बिना किसी मेडिकल विशेषज्ञ की सहायता के।
  • गोपनीयता: परिजनों द्वारा घर पर जांच संभव।
  • समय रहते उपचार: शुरुआती लक्षणों पर ही नशा छुड़ाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
  • नशा तस्करी पर चोट: पुलिस संदिग्धों की तुरंत जांच कर सकती है।

पुलिस की रणनीति और आगे की योजना

बिलासपुर पुलिस के पास फिलहाल 2000 टेस्टिंग किट उपलब्ध हैं। हर थाने में 200-200 किटें वितरित की जा चुकी हैं, जबकि शेष पुलिस अधीक्षक कार्यालय में रिजर्व रखी गई हैं। अब पुलिस स्कूलों, कॉलेजों और पंचायतों में जाकर इन किट्स के जरिए जागरूकता अभियान चलाएगी। अभिभावकों और अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि इस किट का सही उपयोग कैसे करें।

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भविष्य में इन किट्स को आशा वर्कर्स और पंचायत स्वास्थ्य कर्मियों के जरिए गांव-गांव और घर-घर पहुंचाने की योजना भी बनाई गई है। यह पहल तकनीकी उपकरण से आगे बढ़कर अब सामाजिक आंदोलन का रूप ले रही है।

रेड जोन घोषित, सतर्कता बढ़ी

जिले के कई क्षेत्रों को प्रशासन ने रेड जोन घोषित किया है। ये वो क्षेत्र हैं जहां पर लगातार नशा तस्करी और युवाओं की गिरफ्तारी हो रही है। प्रशासन का मानना है कि यदि अभी सख्ती नहीं बरती गई तो आने वाले समय में यह संकट भयावह हो सकता है।

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