#राजनीति
June 25, 2025
CM सुक्खू ने पंजाब-हरियाणा को दी सीधी चेतावनी- 4000 करोड़ एरियर चुकाओ, नहीं तो...
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 14 साल बाद भी नहीं मिला हक
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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार और भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के बीच करीब 4000 करोड़ रुपए के एरियर को लेकर खींचतान एक बार फिर से गरमा गई है। CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तीखे तेवर दिखाए और कहा कि राज्य 2011 से अपने ही पैसों के लिए गिड़गिड़ा रहा है, मगर अब और नहीं।
CM ने चेतावनी दी कि जब तक BBMB हिमाचल का एरियर नहीं लौटाता, किशाऊ बांध परियोजना पर राज्य सरकार कोई बात नहीं करेगी। सुक्खू ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर 2011 को एक ऐतिहासिक फैसले में हिमाचल के पक्ष में निर्णय देते हुए BBMB के तीनों बड़े प्रोजेक्ट्स में राज्य की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की थी। साथ ही कोर्ट ने पूर्व अवधि के करीब 4000 करोड़ रुपये एरियर के रूप में हिमाचल को चुकाने के निर्देश दिए थे, लेकिन 14 साल बाद भी ये पैसा नहीं मिला।
CM ने कहा कि कभी पंजाब तो कभी हरियाणा कोई न कोई बहाना बनाकर अड़ंगा डाल देते हैं। हम बार-बार दरवाजे खटखटा रहे हैं लेकिन अब वक्त आ गया है निर्णायक रुख अपनाने का। उन्होंने कहा कि जुलाई 2025 में यह मामला दोबारा सुप्रीम कोर्ट में लगा है और उन्होंने पंजाब और हरियाणा से कोर्ट में हलफनामा देने की मांग की है कि वे हिमाचल का एरियर चुकाएंगे।
CM सुक्खू ने किशाऊ बांध परियोजना को लेकर स्पष्ट शब्दों में कह कि जब तक हिमाचल को BBMB से उसका हक नहीं मिलता, हम किशाऊ बांध पर आगे कोई चर्चा नहीं करेंगे। इस बांध से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी को लाभ मिलना है, लेकिन सुक्खू का कहना है कि "हिमाचल का हक मारे बिना दूसरे राज्यों को पानी नहीं देंगे।
CM ने बताया कि NHPC, NTPC और SJVNL जैसी कंपनियां हिमाचल को 12% फ्री पावर देती हैं, लेकिन BBMB से यह सुविधा नहीं मिल रही। BBMB के प्रोजेक्ट्स के कारण पूरा बिलासपुर उजड़ गया, लेकिन आज भी बिलासपुर के लोगों को उनका हक नहीं मिला," सुक्खू ने कहा।
BBMB के हिमाचल में बने तीन प्रमुख प्रोजेक्ट्स हैं:
इन्हीं प्रोजेक्ट्स में हिस्सेदारी के आधार पर हिमाचल को फ्री पावर और पिछला एरियर मिलना है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि वे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी यह मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस हल नहीं निकला है। उन्होंने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया कि BBMB को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करवाया जाए।