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August 4, 2025
हिमाचल की थाली में छिपी संस्कृति: ये तीन चीजें सिर्फ स्वाद नहीं, परंपरा भी हैं
दीपावली पर बनती है एंकली
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शिमला। हिमाचल प्रदेश का खाना सिर्फ स्वादिष्ट नहीं होता, ये सेहत के लिए भी अच्छा होता है। हिमाचल में हर त्योहार पर कुछ ना कुछ खास जरूर बनता है। आइए कुछ ऐसी डिशेज के बारे में जानते हैं।
किसी का जन्मदिन हो या किसी की शादी, बबरू इज ए मस्ट। कोई भी शुभ अवसर हो तो घर में बबरू बनाए जाते हैं। बबरू स्वाद में मीठे होते हैं। जब ये बनकर तैयार हो जाते हैं तो ये ब्राउन कलर के दिखते हैं। इन्हें बिना किसी त्यौहार के भी बना सकते हैं।
बबरू नाश्ते में या शाम की चाय के साथ खाया जा सकता है। ये 5-6 दिन तक खराब नहीं होते। बबरू बनाने के लिए गेहूं का आटा, यिस्ट, चीनी, इलायची, मीठी सौंफ, गरी, ड्राइ फ्रूट, तेल आदि चीजों का इस्तेमाल होता है।
वैसे तो दीपावली के मौके पर हर घर में मिठाइयों का भंडार लगा होता है लेकिन हिमाचल के घरों में मिठाइयों के अलावा बनती है एक स्पेशल डिश। इसका नाम है एंकली। इसे चावल के आटे से बनाया जाता है इसलिए इसे चावल की रोटी भी कहते हैं।
एंकली के छोटे वर्जन को एंकलू कहते हैं। इसे दूध के साथ खाया जाता है और इसे काली माह की दाल के साथ घी डालकर भी खाया जाता है। ये डिश ज्यादातर हमीरपुर और बिलासपुर जिलों में बनाई जाती है।
सिड्डू को कौन नहीं जानता। मजाक में इसे मोमो का पापा कहा जाता है। बबरू और एंकली ऐसी चीज है जो हिमाचल में तो बनती है लेकिन दूसरे राज्यों में नहीं फैली है लेकिन सिड्डू की पॉप्यूलैरिटी अलग लेवल की हो गई है। ये खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। सिड्डू विभिन्न प्रकारों से बनाया जाता है, इसकी स्टफिंग तरह-तरह की होती है।
अकसर सिड्डू की स्टफिंग खस-खस और अखरोट की होती है। सिड्डू नमकीन और मीठे दोनों प्रकार के होते हैं। इन्हे चटनी और घी दोनों के साथ खाया जा सकता है। इन्हें बनाने के लिए बिना छिलके वाली उरद की दाल, गेहूं का आटा, घी, यिस्ट, नमक, लाल मिर्च, अदरक, मिर्च, हल्दी और धनिया पाउ़डर जैसी चीजों की जरूरत होती है।