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April 14, 2025

हिमकेयर को बीमा मोड में चलाने की तैयारी, 500 करोड़ की उधारी चुका नहीं सकती सुक्खू सरकार 

बीमा मोड में प्रीमियम कौन देगा, अभी तय नहीं 

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Himcare Card Himachal

शिमला। हिमाचल प्रदेश की 39 लाख जरूरतमंद आबादी को सीएम सुक्खू की सरकार एक बार फिर गच्चा देने की तैयारी में है। हिमकेयर कार्डधारकों के लिए इलाज की कई सुविधाएं बंद कर चुकी सुक्खू सरकार अब इस योजना को बीमा मोड में चलाने की तैयारी कर रही है।

सरकार के पास पैसा नहीं

इसकी वजह है कि सुक्खू सरकार पर हिमकेयर फंड में 400 करोड़ और केंद्र सरकार के आयुष्मान कार्ड फंड में 100 करोड़ रुपए की उधारी हो गई है। प्रदेश की आर्थिक हालत को देखते हुए सरकार के पास देनदारी चुकाने के लिए इतना फंड नहीं है। इसी को देखते हुए दोनों योजनाओं में विसंगतियों का बहाना बनाकर सुधार के नाम पर कैबिनेट की एक सब कमेटी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में बिठाई गई थी। इसी सब कमेटी ने इतनी बड़ी देनदारी चुकाने में नाकामी का हवाला देते हुए हिमकेयर को बीमा मोड में चलाने की सिफारिश की है।

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नहीं मिल रहा मुफ्त इलाज

आपको बता दें कि हिमकेयर योजना में हर परिवार को सालभर में 5 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज करवाने की व्यवस्था है। लेकिन बीते दिनों सरकार ने स्पेशल वार्ड में हिमकेयर धारकों को फ्री में इलाज बंद कर दिया था। सुक्खू सरकार की देनदारी के कारण राज्य के विभिन्न जिलों के सरकारी अस्पतालों में हिमकेयर कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज नहीं मिल रहा है, जिससे गरीब और जरूरतमंदों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।

 

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प्राइवेट में सिर्फ डायलिसिस

हिमाचल में 292 इंपैनल्ड अस्पतालों में हिमकेयर और आयुष्मान के तहत मुफ्त इलाज मिलता है। इनमें से 146 प्राइवेट अस्पताल हैं। पिछले साल तक दोनों योजनाओं में मंजूर हुए 10.33 लाख क्लेम पर 1223 करोड़ का खर्च हुआ है। इसके बाद राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों केवल डायलिसिस की ही अनुमति दी है।

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आयुष्मान को लेकर भी संशय

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में सब कमेटी की दलील यह है कि सरकार के फंड से हिमकेयर को चला पाना मुमकिन नहीं है। लेकिन अगर बीमा मोड में इसे चलाया जाए तो मरीज की जांच, इलाज और क्लेम तीनों ही काम बीमा कंपनी का होगा। लेकिन इसका खर्च कौन देगा, इस बारे में फैसला सीएम सुक्खू को ही लेना है। अगर सरकार प्रीमियम खुद देती है तो लोगों को राहत होगी, वरना उन पर प्रीमियम राशि चुकाने का दबाव होगा। 

 

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केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत योजना को लेकर सब कमेटी का कहना है कि केंद्र की ओर से हर साल क्लेम पर 50 करोड़ रुपए का फंड नहीं मिलता, जिसे राज्य सरकार को चुकाना पड़ता है। आयुष्मान में हिमाचल सरकार अब तक 2.60 लाख लोगों को 330 करोड़ का मुफ्त इलाज दे चुकी है। इस योजना में हिमाचल सरकार की हिस्सेदारी केवल 10 फीसदी की है, लेकिन अब केंद्र ने 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी योजना के दायरे में ला दिया है, इसलिए 80000 से ज्यादा बुजुर्ग हिम केयर से आयुष्मान में शिफ्ट हो रहे हैं।

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