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April 14, 2025
हिमाचल की बीमार सेहत: 100 बिस्तरों वाला अस्पताल खोलकर स्टाफ देना भूली सुक्खू सरकार
जयराम राज में 30 करोड़ की लागत से बना था
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की सेहत इस समय बीमार है। चंबा में हिमकेयर की लाभार्थी बुजुर्ग महिला के बेटे को मां की बालियां गिरवी रखकर इलाज करवाना पड़ा तो मंडी में जयराम सरकार के राज में खोले गया अस्पताल 3 साल से बिना स्टाफ के चल रहा है।
मंडी में 100 बिस्तरों का यह अस्पताल पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने 2022 में अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में खुलवाया था। तब भी वहां स्टाफ नहीं था और तीन साल बाद सुक्खू सरकार के राज में भी यही स्थिति है। महिला और बाल स्वास्थ्य (एमसीएच) को मजबूत बनाने की दिशा में खोला गया यह अस्पताल फिलहाल मंडी के जोन अस्पताल के स्टाफ से चल रहा है।
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मंडी के एमसीएच अस्पताल में स्टाफ नर्सों के 45 पद हैं, जिनमें से करीब 15 पद किसी भी समय खाली ही रहते हैं। ऐसे में जोनल अस्पताल की नर्सों पर अपने अस्पताल और एमसीएच, दोनों का डबल बोझ आ गया है। हालत यह है कि एक नर्स के पास दो वार्ड का काम है। इस बारे में राज्य के सीएम सुक्खू और स्वास्थ्य मंत्री से बात कर एमसीएच के लिए अलग से स्टाफ मांगा गया, लेकिन इस आग्रह को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया।
जयराम सरकार के कार्यकाल में मंडी का यह एमसीएच अस्पताल 30 करोड़ की लागत से बना था। जुलाई 2022 में इसका उद्घाटन हुआ, लेकिन अस्पताल के लिए अलग से स्टाफ नहीं दिया गया। अस्पताल की दो बिल्डिंग हैं और दोनों की सुरक्षा का जिम्मा केवल 26 सिक्योसिटी स्टाफ पर है।
सिक्योरिटी स्टाफ के भी 15 पद खाली हैं। अब जब अस्पताल में स्टाफ ही नहीं हैं, तो जाहिर तौर पर मरीजों को सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। एमसीएच प्रबंधन ने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था, लेकिन उसे भी कूड़े के डिब्बे में डाल दिया गया।
अब सवाल यह है कि भाजपा राज में महिलाओं और बच्चों को इलाज की सुविधा के लिए खोले गए इस अस्पताल के साथ सुक्खू सरकार राजनीति क्यों कर रही है, यह तो सरकार ही जाने। हालांकि, इससे मंडी जिले में हजारों मरीजों के स्वास्थ्य के हक पर बुरा असर पड़ रहा है।