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June 29, 2025
हिमाचल कांग्रेस पर मेहनबान MC, लाखों की लीज राशि की माफ, अगले 76 वर्ष तक लेंगे एक रुपया
कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन के लिए 99 साल की लीज पर दी है जमीन
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर बैठी कांग्रेस सरकार को नगर निगम शिमला ने एक बड़ा तोहफा दिया है। शिमला नगर निगम की बैठक में एक ऐसा निर्णय लिया गया, जिसने प्रदेश की राजनीति पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। इस फैसले ने साफ कर दिया है कि अब व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सत्ताधारी दल अपनी सहूलियत के लिए नियमों को मोड़ रहे हैं, और उसमें विपक्ष भी कहीं न कहीं मौन समर्थन दे रहा है।
यह मामला हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन से जुड़ा है, जो कि शिमला के व्यस्त और महंगे इलाके कार्ट रोड पर स्थित है। कांग्रेस ने यह ज़मीन कई वर्ष पहले 2002 में 99 साल की लीज पर ली थी, जिसका वार्षिक किराया 69,715 था। लेकिन कांग्रेस ने पिछले कई वर्षों से इस जमीन का लीज अमाउंट शिमला नगर निगम को नहीं चुकाया, जिसके चलते यह राशि अब लाखों में पहुंच गई थी।
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हैरानी की बात यह है कि नगर निगम ने कांग्रेस से बकाया राशि की ना तो रिकवरी की और ना ही कोई जुर्माना लगाया। इसके विपरित नगर निगम ने बैठक में कार्टरोड स्थित कांग्रेस कार्यालय के लिए लीज पर दी गई जमीन की वर्षों पुरानी बकाया राशि को पूरी तरह माफ कर दिया। यही नहीं, अब इस जमीन की सालाना लीज राशि भी खत्म कर दी गई है और पार्टी को यह भूमि मात्र एक रुपए टोकन राशि पर देने का फैसला किया। यह फैसला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई मासिक बैठक में लिया गया।
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सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नगर निगम की इस बैठक में भाजपा और माकपा के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इससे राजनीतिक दलों की आपसी समझदारी और मिलीभगत की आशंका को बल मिलता है।
नगर निगम का तर्क है कि यह फैसला लोकतंत्र को सुदृढ़ करने और राजनीतिक दलों को सहयोग देने की भावना से लिया गया है। निगम ने कहा कि इससे राजनीतिक दलों को व्यवस्थित रूप से कार्य करने के लिए स्थान मिलेगा, जो लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए जरूरी है।
नगर निगम ने कहा कि अब से यदि कोई अन्य राष्ट्रीय पार्टी चाहेगी, तो उसे भी इसी तरह की सुविधा दी जाएगी। यानी अगर आम आदमी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी भी शिमला में अपना कार्यालय खोलना चाहें, तो उन्हें भी एक रुपए टोकन मनी पर ज़मीन दी जाएगी। शायद यही कारण है कि इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी चुप्पी साध ली और अपनी मौन सहमति दे दी।