#यूटिलिटी
June 28, 2025
हिमाचल के इस गांव में बनने जा रही मैग्नेट सिटी- रोजगार का झंंझट होगा खत्म, मिलेगी कई शानदार सुविधाएं
शहरी दबाव कम करने की योजना में तेजी, 9 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहीत
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पर लगातार बढ़ते शहरी दबाव और जनसंख्या की भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार ने जाठिया देवी क्षेत्र में मैग्नेट सिटी बसाने की औपचारिक तैयारी शुरू कर दी है। करीब 224 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस एनवायरनमेंट फ्रेंडली स्मार्ट शहर का विकास सौर ऊर्जा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और बेहतर सार्वजनिक परिवहन जैसी आधुनिक सुविधाओं के साथ किया जाएगा।
सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए शिमला ग्रामीण और सोलन जिला के नौ गांवों मझौला, आंजी, शिल्डू, दनोखर, शिल्ली बागी, पंटी, कयारगी, चानन और मझियारी से लगभग 203 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करेगी। जाठिया देवी में पहले से सरकार की 21 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। यह वही योजना है जिसे पूर्व वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में शुरू करने की कोशिश हुई थी, लेकिन अब करीब 13 साल बाद इसे दोबारा गति दी जा रही है।
हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 119 किफायती फ्लैट तैयार करेगा, जिनमें 1BHK, 2BHK और 3BHK श्रेणियां होंगी। इसके अलावा विला और इको-रिजॉर्ट भी विकसित किए जाएंगे। केंद्र सरकार से इस परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, हालांकि यह राशि अभी जारी नहीं हो पाई है।
हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा ने कहा कि यह प्रोजेक्ट राजधानी शिमला पर जनसंख्या और ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसे मैग्नेट सिटी इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह शहर लोगों और निवेश को अपनी ओर आकर्षित करने की पूरी क्षमता रखेगा। निर्माण कार्य इसी वर्ष के अंत तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
मैग्नेट सिटी ऐसे आधुनिक शहर होते हैं जो बड़े महानगरों के बाहर विकसित किए जाते हैं ताकि वे निवेश, रोजगार, आधुनिक सुविधाओं और बेहतर जीवनशैली के कारण लोगों को आकर्षित कर सकें। इसका मुख्य उद्देश्य महानगरों पर पड़ने वाले जनसंख्या और संसाधनों के दबाव को कम करना होता है।