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March 13, 2025

हिमाचल की छोटी काशी में एक दिन पहले मनाई होली, सेरी मंच पर जमकर उड़ा गुलाल

सेरी मंच में उमड़ी भीड़ ने एक दूसरे को लगाया गुलाल

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Mandi Holi

मंडी। हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में सदियों पुरानी परंपरा को निभाते हुए होली से एक दिन पहले रंगों के इस त्यौहार को मनाकर जमकर गुलाल उड़ाया। मंडी के सेरी मंच में सैकड़ों लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली को मनाया। यहां पर सुबह 11 बजे से होली का जश्न शुरू हुआ और दोपहर बाद तक चलता रहा। मंडी के सेरी मंच में डीजे की धुन पर लोग थिरकते रहे। एक दूसरे को इस पर्व की बधाई दी गई।

 

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बता दें कि हिमाचल की छोटी काशी कहे जाने वाले मंडी में सदियों से ही होली एक दिन पहले मनाई जाती है। इसके पीछे कोई खास वजह नहीं है। राजशाही के दिनों से ही यहां एक दिन पहले लोग गुलाल लगाकर इसे मनाते हैं। मंडी जिला में रियासत काल से ही होली के त्यौहार को एक दिन पहले मनाने की परंपरा रही है। यहां शैव और वैष्णव का अनूठा संगम है, जिस कारण यहां होली का त्यौहार एक दिन पहले ही मनाया जाता है।

कुल्लू में भी खूब उड़ा गुलाल

इसी तरह से जिला कुल्लू में भी आज गुरुवार को ही होली मनाई गई। सुबह से रंगों के उत्सव होली की धूम मची हुई है। शहर में जगह.जगह युवाओं की टोलियां एक.दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई देते दिखे। इस दौरान कहीं पर नाटी तो कहीं पर डीजे की धुनों पर युवा जमकर थिरकते रहे। 

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राज माधव राय को रंग लगाने से शुरू होता है त्यौहार

बता दें कि राज माधव राय को मंडी शहर का राजा कहा जाता है। इसलिए होली का त्यौहार इन्हें रंग लगाए बिना अधूरा माना जाता है। इसी परंपरा को निभाने के लिए लोग मंदिर पहुंचे और उन्हें गुलाल लगाया। जिसके बाद पूरे शहर में होली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हर साल की तरह इस बार भी शहर के सेरी मंच पर सामूहिक होली कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें सैंकड़ो लोग पहुंचे और एक दूसरे को रंग लगाकर होली मनाई। लोग सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक डीजे की धुनों पर जमकर थिरके और जमकर गुलाल उड़ाया।

 

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माधोराय की जलेब के साथ खत्म होती है होली

बताया जाता है कि मंडी के माधव राय मंदिर के प्रांगण में पीतल के बड़े बर्तनों में रंग घोला जाता था। यहां राजा अपने दरबारियों के साथ होली खेलते थे। वे घोड़े पर सवार होकर प्रजा के बीच भी आते थे। आज भी यहां यह परंपरा निभाई जा रही है। मंडी में होली का उत्सव शाम के समय माधोराय की जलेब निकलने के बाद समाप्त हो जाता है।

 

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बता दें कि पूरे हिमाचल को छोड़कर मंडी और कुल्लू जिला में होली का स्थानीय अवकाश घोषित किया गया था। इस दौरान सरकारी कार्यालय और स्कूल बंद रहे और लोगों और युवाओं ने जमकर होली खेली। मंडी की होली का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। क्योंकि इस दिन लोग अपनी परंपराओं का निर्वहन करते हैं और सामूहिक रूप से होली कार्यक्रम में शामिल होकर एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं। इस दौरान बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक रंगों का त्यौहार मनाया जाता है। 

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