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September 18, 2025

स्वच्छता रैंकिंग गिरने के बाद जागा नगर निगम, हिल्स क्वीन में शुरू हो रही नई व्यवस्था- जानें

सैकड़ों पर्यटक आते हैं पहाड़ों की रानी में घूमने

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Shimla Nagar Nigam

शिमला। हिल्स क्वीन शिमला, जहां हर साल लाखों सैलानी घूमने आते हैं। मगर  उनकी छोड़ी हुई गंदगी अब शहर की खूबसूरती पर दाग बनने लगी है। इसी चुनौती से निपटने के लिए नगर निगम ने एक नई योजना बनाई है, जो जल्द ही लागू हो सकती है। इस योजना के तहत पर्यटक वाहनों को लेकर एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

हिल्स क्वीन में शुरू हो रही नई व्यवस्था

शिमला को स्वच्छ और पर्यटकों के लिए और आकर्षक बनाने की दिशा में नगर निगम ने एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। अब बाहरी राज्यों से आने वाले और स्थानीय पर्यटक वाहनों को अपना कचरा नगर निगम को अनिवार्य रूप से सौंपना होगा।

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पर्यटक वाहनों से वसूला जाएगा शुल्क

इसके लिए शहर के प्रवेशद्वार पर ही निगम की टीम पर्यटक वाहनों से कचरा एकत्र करेगी और इसे भरयाल कूड़ा संयंत्र तक पहुंचाया जाएगा। इसके एवज में वाहन चालकों से नाममात्र का कूड़ा शुल्क भी वसूला जाएगा।

सैकड़ों पर्यटक आते हैं घूमने

निगम इस प्रस्ताव को इसी साल लागू करने की तैयारी कर रहा है और इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर कवायद तेज कर दी गई है। नगर निगम के अनुसार, हर साल लाखों पर्यटक वाहन शिमला पहुंचते हैं, जिनकी संख्या समर और विंटर सीजन में कई गुना बढ़ जाती है।

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हाईवे पर लगा कचरे का ढेर

इन वाहनों से निकलने वाला कचरा अक्सर हाईवे के किनारे, पार्किंग स्थलों और शहर के प्रवेशद्वारों के पास ढेर के रूप में देखा जा सकता है। स्थानीय लोग भी मानते हैं कि सबसे ज्यादा गंदगी बाहर से आने वाली बसों, ट्रैवलर और टैक्सियों के कारण होती है। चालक ज्यादातर कचरा वहीं फेंक देते हैं जहां वाहन खड़े रहते हैं, जिससे पूरे इलाके की सुंदरता और स्वच्छता बिगड़ जाती है।

बिगड़ रही शहर की सुंदरता

नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बताया कि इस व्यवस्था के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। पर्यटक वाहनों की संख्या और उनकी आवाजाही का ब्योरा जुटाया जा रहा है। हाल ही में राज्य सरकार ने सभी व्यावसायिक वाहनों में डस्टबिन लगाना अनिवार्य किया है, लेकिन इस कचरे के निपटान के लिए कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी।

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अब नगर निगम इसके लिए टूटीकंडी पार्किंग और आसपास के क्षेत्रों में कूड़ा एकत्रीकरण केंद्र बनाने जा रहा है। अभी ISBT टूटीकंडी में भी पर्यटक वाहनों का कचरा जमा किया जा रहा है। टैक्सी और बस चालकों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे अपनी गाड़ियों में डस्टबिन रखें और हर बार निगम के केंद्र पर ही उसे खाली करें। शुल्क कितना होगा, इस पर अंतिम फैसला जल्द ही निगम सदन में होगा और फिर मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

हिल्स क्वीन में नई व्यवस्था

गौरतलब है कि नगर निगम इससे पहले भी बाहरी राज्यों के वाहनों पर ग्रीन फीस लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेज चुका है, लेकिन उस पर अभी तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। निगम का मानना है कि अगर पर्यटक वाहनों से निकलने वाले कचरे को नियंत्रित किया गया तो शिमला की खूबसूरती और स्वच्छता दोनों में सुधार होगा और "हिल्स क्वीन" का दर्जा और मजबूत होगा।

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स्वच्छता रैंकिंग गिरने के बाद जागा नगर निगम

विदित रहे कि, देश की स्वच्छता रैंकिंग में शिमला की गिरावट ने नगर निगम की नींद खोल दी है। पर्यटन नगरी की खूबसूरती पर सवार कूड़े के ढेर और सड़क किनारे फैली गंदगी अब बड़ा सवाल बनकर खड़ी है। हर साल लाखों सैलानी पहुंचने वाले शिमला की रैंकिंग जब पिछड़ गई, तब जाकर निगम ने नए-नए प्रयोगों की कवायद शुरू की है।

 

नगर निगम अब बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक वाहनों से भी कूड़ा वसूलने की योजना बना रहा है। इसके लिए शहर के प्रवेशद्वारों पर ही डंपिंग सेंटर बनाए जाएंगे और यहां से बसों, टैक्सियों व ट्रैवलरों का कचरा लिया जाएगा। इसके बदले चालकों से शुल्क लिया जाएगा। निगम का दावा है कि इस कदम से हाईवे, पार्किंग और शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लगने वाले कचरे के ढेर कम होंगे।

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