#यूटिलिटी
July 6, 2025
हिमाचल में कल भी जमकर बरसेंगे मेघ, 8 जिला में ऑरेंज अलर्ट जारी; आज दो जगह फटे बादल
प्रदेश में 10 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर कहर बनकर टूटा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को राज्य के कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि आगामी 9 और 10 जुलाई को यलो अलर्ट घोषित किया गया है, जिससे मौसम के थोड़ा शांत होने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ भारी बारिश की आशंका है। मंगलवार को ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट प्रभावी रहेगा। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल के रोहतांग घूमने निकले थे पंजाबी युवक, घनी धुंध ने छीनी 4 जिंदगियां; खाई में गिरी कार
रविवार सुबह चम्बा जिले के चुराह उपमंडल के बघेईगढ़ नाले में बादल फटने से भीषण बाढ़ आई। इस बाढ़ में नकरोड़-चांजू सड़क पर बना पुल बह गया, जिससे चरड़ा, चांजू, देहरा और बघेईगढ़ की चार ग्राम पंचायतों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। इसी तरह मंडी जिले के पधर उपमंडल की टिक्कन पंचायत में शनिवार देर रात बादल फटने से दो पुलिया बह गईं। हालांकि राहत की बात यह रही कि दोनों ही जगह किसी तरह की जानी हानि की खबर नहीं है।
ऊना जिले में सुबह हुई भारी बारिश के कारण स्वां नदी उफान पर आ गई। घालूवाल के झलेड़ा पुल के पास स्थित इंडियन ऑयल का पेट्रोल पंप पानी में डूब गया। वहीं, झलेड़ा में एक गाड़ियों के शोरूम और धालूवाल इलाके के कई घरों में पानी घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ है।
चंबा के चुराह क्षेत्र में आज सुबह कंघेला नाले में बादल फटने की घटना हुई। इसमें एक नवनिर्मित पुल पूरी तरह बह गया। यह वही पुल है जो दो वर्ष पहले भी बाढ़ में बह गया था। अब इस क्षेत्र की चार पंचायतों का एक बार फिर से बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया है।
यह भी पढ़ें : विक्रमादित्य के विभाग की लापरवाही, बाढ़ में बहा 2.24 करोड़ से बना पुल, लोग पहले ही कर चुके थे आगाह
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों के घर आपदा में नष्ट हो गए हैं, वे किराए के मकान में रह सकते हैं और सरकार उन्हें ₹5,000 प्रति माह किराया सहायता देगी। उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि राहत सामग्री की कोई कमी न हो और प्रभावितों को तुरंत सहायता दी जाए।
बादल फटने और भारी वर्षा के बाद संबंधित जिलों में प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और क्षति का आकलन किया जा रहा है। सड़कों के टूटने, पुल बहने और बिजली–पानी की आपूर्ति बाधित होने की कई सूचनाएं मिली हैं।