#यूटिलिटी

February 1, 2025

IAS-IPS के बाद IFS का दायरा भी कम कर रही सुक्खू सरकार, बताई ये वजह

सीएम सुक्खू बोले-प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करना मकसद

शेयर करें:

CM Sukhu Himachal

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आईएएस और आईपीएस (IAS IPS) अधिकारियों को लेने से इंकार के बाद अब प्रदेश में आईएफएस अधिकारियों के कैडर को भी कम करने की तैयारी की जा रही है। जिसका प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। आईएएस और आईपीएस ना लेने को लेकर सीएम सुक्खू ने अपना पक्ष भी रखा है। वहीं आईएफएस अधिकारियों की संख्या को क्यों कम किया जा रहा है, इसका भी खुलासा किया।

114 से 83 रह जाएंगे आईएफएस अधिकारी

सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल सरकार अपने खर्चों को कम करने के लिए अफसरों की फौज को कम कर रही है। आइएफएस यानी इंडियन फारेस्ट सर्विसिज के अधिकारियों के पदों के कैडर को 114 से कम कर 83 करने की तैयारी है। वर्तमान में आईएफएस (IFS) की सेवानिवृत्ति के बाद 80 आईएफएस अधिकारी मौजूद हैं। जिसमें से 10 के करीब आईएफएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : केंद्रीय बजट पर टिकी हिमाचल की नजरें, जानिए क्या-क्या मिलने की है उम्मीद

सीएम सुक्खू ने कहा कि जब इतने आईएफएस अधिकारियों से काम चल सकता है, तो इससे अधिक की क्या जरूरत है। जिसके चलते ही प्रदेश सरकार ने आईएफएस अधिकारियों के कैडर को कम करने का फैसला लिया है। वहीं एक आईएफएस अधिकारी पर सालाना 45 लाख खर्च होता है। ऐसे में सरकार को हर साल करोड़ों रुपए की बचत होगी।

यह भी पढ़ें : हिमाचल के डिपुओं में एक साथ मिलेगा तीन महीने का तेल, पहले से महंगे हुए दाम

अन्य विभागों में एडजस्ट करने से बेहतर कम हो अधिकारी

सीएम सुक्खू ने बताया कि कुछ आईएफएस अधिकारियों को तकनीकी, प्रचार और अन्य कई पदों पर एडजस्ट किया है। लेकिन जब अलग से प्रशिक्षित प्रचार विभाग है तो फिर इन आईएफएस अधिकारियों को वहां पर क्यों लगाया जाए।

यह भी पढ़ें : HRTC बस में सवारी बन बैठी थी महिला नशा तस्कर, साथी समेत हुई गिरफ्तार

छोटे राज्य में 153 अधिकारी किसलिए

इसी तरह से सीएम सुक्खू ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को लेने से इंकार करने की भी वजह जनता के सामने रखी है। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल एक छोटा प्रदेश है, जहां की जनसंख्या 70 लाख है। ऐसे में हिमाचल में 153 अधिकारी रखना सही नहीं है। इससे ना सिर्फ प्रदेश का पैसा बचेगा, वहीं प्रशासनिक दखलअंदाजी भी कम होगी।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : दर्जी कर रहा मरीजों का इलाज, बच्चे को लगाया गलत इंजेक्शन और...

प्रशासनिक दखलअंदाजी कम करना मकसद

सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करके लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है। हम चाहते हैं कि प्रशासनिक तौर पर ज्यादा हस्तक्षेप ना हो, पहले भी समाज कानून के दायरे में रहता था। वर्तमान राज्य सरकार लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है। इसलिए सभी विभागों में सकारात्मक बदलाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। 

पेज पर वापस जाने के लिए यहां क्लिक करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख