#यूटिलिटी
November 2, 2025
शिमला शहर में अब नहीं दिखेंगी HRTC की ये बसें, जानिए फैसले के पीछे की वजह
उम्मीद है कि नए आदेश लागू होने के बाद शहर का ट्रैफिक सुगम होगा
शेयर करें:

शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में लंबे समय से ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित बस संचालन की शिकायतों पर आखिरकार HRTC प्रबंधन ने बड़ा निर्णय ले लिया है। अब शिमला के ओल्ड बस स्टैंड में कई HRTC बसें नहीं दिखेंगी।
दरअसल, शहर से 40 किलोमीटर से अधिक दूरी से चलने वाली HRTC की सभी बसें पुराना बस अड्डा (ओल्ड बस स्टैंड) नहीं आएंगी। ये बसें अब सीधे ISBT टूटीकंडी तक ही सीमित रहेंगी।
इस संबंध में HRTC प्रबंधन की ओर से औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसमें 18 रूटों को इस नई व्यवस्था में शामिल किया गया है। आदेश के मुताबिक, अब कुल्लू-शिमला, नगरोटा-शिमला, धर्मपुर-शिमला, परवाणु-शिमला, पांवटा-शिमला, नालागढ़-शिमला, जंगलबैरी-शिमला, धर्मशाला-शिमला, डाबर-शिमला, मार्कंड-शिमला, बिलासपुर-शिमला, दियोठ-शिमला, पट्टा-शिमला, कुनिहार-शिमला, लोहारघाट-शिमला, साई-लढ़ेच-शिमला और अणु-शिमला रूट की बसें अब सीधे ISBT से ही सवारियां छोड़ेंगी और यहीं से प्रस्थान करेंगी।
निजी बस चालक-परिचालक संघ ने लंबे समय से शहर में लंबी दूरी की बसों के दाखिल होने का विरोध कर रखा था। संघ का कहना था कि बड़ी HRTC बसें शहर के भीतर प्रवेश करने के कारण जाम की स्थिति बन जाती है।
इससे स्थानीय लोग परेशान होते हैं और कई बार नियमित रूट फेल हो जाते हैं। इसी मुद्दे पर 12 अक्तूबर को परिवहन निदेशालय में बैठक भी हुई थी, जिसमें इस विषय पर गंभीरता से चर्चा की गई।
बैठक के बाद RTO शिमला ने भी आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए थे, लेकिन उसके बावजूद आदेशों का पालन न होने पर निजी बस ऑपरेटर संघ ने 3 नवंबर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। स्थिति को देखते हुए DM शिमला ने एक नवंबर को औपचारिक आदेश जारी कर दिए, जो तत्काल प्रभाव से लागू माने जाएंगे।
सिर्फ लंबी दूरी की बसें ही नहीं, बल्कि स्कूल ड्यूटी पर चलने वाली HRTC बसों पर भी अब कड़ाई लागू की गई है। आदेशों के अनुसार, स्कूल बसें आधे रास्ते से कोई सवारी नहीं उठाएंगी। ये बसें केवल अपने निर्धारित रूट और स्कूलों के छात्रों के लिए ही सेवाएं देंगी।
वर्तमान में HRTC की बसें हिमलैंड में एडवर्ड स्कूल, ताराहॉल स्कूल, भराड़ी स्थित चैप्सली स्कूल, ऑकलैंड हाउस स्कूल सहित कई निजी स्कूलों में छात्र-परिवहन का कार्य कर रही हैं। अब इन्हें केवल ढली, संजौली, भट्ठाकुफर, मल्याणा, मैहली, पंथाघाटी, विकासनगर, बीसीएस, न्यू शिमला, फागली, टोटू, बालूगंज, समरहिल, ऑकलैंड टनल और भराड़ी जैसे प्रारंभिक स्टेशनों से ही संचालित किया जाएगा।
HRTC के प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल ने बताया कि उपायुक्त शिमला की अधिसूचना के तहत यह नई व्यवस्था लागू की गई है। उनका कहना है कि यह निर्णय शहर में बढ़ते यातायात दबाव को कम करने के लिए आवश्यक था। अब लंबी दूरी की बसें सीधे ISBT जाएंगी, जिससे पुराना बस अड्डा और डाउनटाउन क्षेत्र में जाम की समस्या से राहत मिलेगी।
फिलहाल शिमला शहर में HRTC की करीब 200 बसें विभिन्न रूटों पर संचालित होती हैं, जबकि 106 के करीब निजी बसें भी यातायात सेवाएं प्रदान करती हैं। इन सभी के बीच तालमेल बनाए रखना नगर यातायात व्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ था।
प्रबंधन को उम्मीद है कि नए आदेश लागू होने के बाद शहर का ट्रैफिक सुगम होगा, यात्रियों को भी समय पर सेवाएं मिलेंगी और पुराना बस अड्डा मुख्य रूप से स्थानीय रूटों के संचालन के लिए उपयोग में रहेगा।