#यूटिलिटी
October 30, 2025
अब HRTC बसों में कम किराए पर भेज सकेंगे सामान, नई पॉलिसी जल्द होगी तैयार
राहत भरी खबर-आसानी से घर भेज सकेंगे सामान
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सफर करने वाले यात्रियों और छोटे कारोबारियों के लिए एक राहतभरी खबर है। HRTC अब अपनी लगेज पॉलिसी में अहम संशोधन करने जा रहा है। सरकार का उद्देश्य इस पॉलिसी को और अधिक पारदर्शी, जनहितैषी और सरल बनाना है ताकि बसों में सामान भेजने पर आम जनता को अनावश्यक वित्तीय बोझ न झेलना पड़े।
वर्तमान में निगम की नीति के अनुसार बसों में 5 किलो तक सामान भेजने पर एक यात्री के किराये का चौथा हिस्सा, 6 से 20 किलो तक सामान भेजने पर आधा किराया, 21 से 40 किलो तक सामान पर पूरा किराया और 41 से 80 किलो तक के सामान पर दो यात्रियों का किराया लिया जाता है।
हालांकि, कई यात्रियों ने इस व्यवस्था को जटिल और असमान बताया था, क्योंकि किराये की दरें सामान के वजन के अनुसार एक समान नहीं थीं और कई बार बस स्टाफ द्वारा भी किराये की गणना को लेकर भ्रम की स्थिति बन जाती थी।
इसी पृष्ठभूमि में प्रदेश सरकार ने HRTC को पॉलिसी में एकरूपता लाने के निर्देश जारी किए हैं। आदेशों में यह भी स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में जनता पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव नहीं डाला जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि बसों में लगेज भेजने की प्रक्रिया पारदर्शी हो और शुल्क का निर्धारण स्पष्ट नियमों के तहत हो।
HRTC प्रबंधन ने इस दिशा में कदम उठाते हुए एक विशेष कमेटी गठित की है, जो वर्तमान व्यवस्था का विस्तृत अध्ययन कर रही है। यह कमेटी प्रदेशभर के चालकों, परिचालकों और डिपो प्रबंधकों से फीडबैक लेकर यह आकलन कर रही है कि यात्री और व्यापारी किस प्रकार का सामान और औसतन कितना वजन बसों में भेजते हैं।
इसी के आधार पर किराये की नई स्लैब तय की जाएगी ताकि इसे व्यावहारिक और जनता के हित में बनाया जा सके। HRTC अधिकारियों के अनुसार, इस संशोधित नीति में यह भी देखा जा रहा है कि किराये का निर्धारण सिर्फ वजन के आधार पर नहीं, बल्कि दूरी के आधार पर भी न्यायसंगत तरीके से किया जाए, ताकि लंबी दूरी पर भारी सामान भेजने वालों को भी राहत मिल सके।
जानकारी के मुताबिक, निगम ने नवंबर 2024 में 2023 की अधिसूचित लगेज पॉलिसी के क्लॉज नंबर 26 में पहले भी संशोधन कर कुछ रियायतें दी थीं, लेकिन अब सरकार चाहती है कि यह नीति पूरी तरह पारदर्शी और जनता के लिए सरल बने।
परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, नई पॉलिसी को अंतिम रूप देने से पहले इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इससे न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि बसों में लगेज से होने वाली आमदनी का भी सटीक रिकॉर्ड रखा जा सकेगा।
सरकार का यह फैसला विशेष रूप से उन ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो HRTC बसों के जरिए अपने सामान, फल-सब्जियां या अन्य आवश्यक वस्तुएं एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजते हैं। अधिकारियों का कहना है कि नवीन लगेज पॉलिसी का उद्देश्य जनता को सुविधा देना है, न कि राजस्व बढ़ाना। जल्द ही पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार होकर सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।