#यूटिलिटी
October 4, 2025
HRTC बसों में मुफ्त सफर करने के लिए ये कार्ड बनाना जरूरी, नहीं तो देगा पड़ेगा पूरा किराया
पहचान-पत्र दिखाकर मुफ्त या आधे किराये की यात्रा संभव नहीं होगी
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब HRTC बसों में रियायती और निशुल्क यात्रा सुविधा पाने के लिए यात्रियों को हिम बस कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। परिवहन निगम अगले सप्ताह से यह नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है।
इस कार्ड के लिए यात्रियों को 200 रुपये शुल्क देना होगा। निगम ने सभी श्रेणियों के लाभार्थियों को तीन महीने का समय दिया है। इस अवधि में कार्ड न बनवाने वाले यात्रियों को रियायत या निशुल्क यात्रा का लाभ नहीं मिल सकेगा।
यानी अब बसों में पहले की तरह पहचान-पत्र दिखाकर मुफ्त या आधे किराये की यात्रा संभव नहीं होगी। HRTC ने इसके लिए अपना “हिम कार्ड पोर्टल” तैयार कर लिया है। निगम अधिकारियों के अनुसार योजना को लागू करने से पहले सरकार की औपचारिक मंजूरी दो–तीन दिनों में मिलने की उम्मीद है।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 17 अलग-अलग श्रेणियों को HRTC बसों में निशुल्क या रियायती यात्रा की सुविधा दी जाती है। अब इन सभी वर्गों को यह हिम बस कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। इनमें शामिल हैं-
वर्तमान में महिलाओं को राज्य के भीतर HRTC की बसों में किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इसी तरह सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा प्राप्त है। अब इन दोनों श्रेणियों को भी कार्ड बनवाना होगा। कार्ड बनवाए बिना अब किसी को रियायत या फ्री पास की सुविधा नहीं मिलेगी।
कार्ड की वैधता एक वर्ष की होगी। इसे हर साल 150 रुपये शुल्क देकर रिन्यू करना अनिवार्य रहेगा। निगम का कहना है कि इस व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और अनधिकृत यात्रियों द्वारा मिलने वाले लाभों पर रोक लगेगी।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक, अभी तक HRTC की बसों में पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के यात्री भी बस पास बनवाकर निशुल्क या रियायती यात्रा का लाभ उठा रहे थे। इससे निगम को लगातार आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा था।
अब इस नई प्रणाली में कार्ड बनवाने के लिए हिमाचल निवासी होने का प्रमाण देना अनिवार्य रहेगा। इससे सुनिश्चित होगा कि राज्य सरकार द्वारा दी जा रही यह सुविधा केवल हिमाचल के लोगों तक सीमित रहे।
लाभार्थियों को संबंधित HRTC डिपो या उपकार्यालय में जाकर कार्ड बनवाना होगा। इसके लिए उन्हें-
HRTC अधिकारियों का कहना है कि हिम बस कार्ड व्यवस्था से यात्रियों का रिकार्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेगा। इससे फर्जी पास या गलत श्रेणी के तहत यात्रा करने वालों पर रोक लगेगी। साथ ही, राज्य सरकार को सब्सिडी और रियायत का सही आकलन करने में मदद मिलेगी।
परिवहन विभाग का मानना है कि 200 रुपये का कार्ड शुल्क और 150 रुपये वार्षिक नवीनीकरण शुल्क बहुत मामूली है, जबकि इसके बदले में यात्रियों को पूरे साल सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिलेगा।
परिवहन निगम के सूत्रों के अनुसार, सरकार से अनुमति मिलते ही अगले सप्ताह हिम बस कार्ड योजना औपचारिक रूप से शुरू कर दी जाएगी। शुरुआत में यह प्रक्रिया जिला मुख्यालयों से की जाएगी, फिर धीरे-धीरे इसे प्रदेश के सभी बस अड्डों में लागू किया जाएगा।