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July 8, 2025
सुक्खू सरकार ने जरूरतमंद परिवारों को दी बड़ी राहत- साल में कभी भी बना सकेंगे हिमकेयर कार्ड
कुछ परिवार सिर्फ मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर में ही बना पाएंगे कार्ड
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शिमला। हिमचल सरकार द्वारा गरीब और जरूरतमंद परिवारों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सुक्खू सरकार ने हिमकेयर योजना के दायरे को और व्यापक बना दिया है।
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने तय किया है कि अब पात्र जरूरतमंदों को साल में सिर्फ चार बार खुलने वाले पोर्टल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि विशेष परिस्थितियों में मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल्स और अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट्स को हिमकेयर कार्ड तुरंत जारी करने की शक्तियां दे दी गई हैं।
यह निर्णय जुलाई 2025 से लागू कर दिया गया है, जिससे अब कोई भी गरीब परिवार, विशेष परिस्थिति में, किसी भी महीने में कार्ड बनवा सकता है। पहले तक यह सुविधा साल में सिर्फ मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर में एक-एक माह के लिए ही उपलब्ध रहती थी। इस नई व्यवस्था से खासतौर पर उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत पड़ती है लेकिन उनके पास समय पर हिमकेयर कार्ड न होने के कारण इलाज में बाधा आती थी।
Dij किसी लाभार्थी का हिमकेयर कार्ड समाप्त हो चुका है और वह समय पर उसका नवीनीकरण नहीं करवा सका, तो अब वह कार्ड केवल तिमाही के दौरान (मार्च, जून, सितंबर, दिसंबर) में ही रिन्यू करवा सकेगा। सरकार ने यह नियम इसलिए लागू किया है ताकि समय रहते नवीनीकरण हो और सरकारी रिकॉर्डिंग प्रक्रिया भी सुदृढ़ बनी रहे।
प्रदेश सरकार ने कई श्रेणियों के लिए हिमकेयर कार्ड मुफ्त उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है। इनमें शामिल हैं-
वहीं, एकल महिलाएं, दिव्यांगजन (40% से अधिक), आउटसोर्स व अनुबंध कर्मचारी, मिड-डे मील वर्कर, अंशकालिक कर्मचारी और दिहाड़ीदार मजदूर 365 रुपये में हिमकेयर कार्ड बनवा सकते हैं। अन्य पात्र लाभार्थियों के लिए यह शुल्क 1000 रुपये निर्धारित है।
प्रदेश के 136 सरकारी अस्पताल, PGI चंडीगढ़, GMCH सेक्टर-32 चंडीगढ़, और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल (न्यू चंडीगढ़) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में हिमकेयर के अंतर्गत इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा प्रदेश में कार्यरत सभी निजी अस्पतालों में डायलिसिस सेवाएं भी हिमकेयर कार्ड धारकों को निशुल्क दी जा रही हैं।
सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए यह सुनिश्चित किया है कि सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को भी निशुल्क व त्वरित इलाज मिल सके। अब हादसे के वक्त पैसे, बिल या रिश्तेदारों के इंतजार की आवश्यकता नहीं होगी।